भाजपा-कांग्रेस को नहीं मिलेगा बहुमत, JJP इस बार होगी किंगमेकर, निजी इंटरव्यू में बोले Dushyant chautala
punjabkesari.in Saturday, Aug 17, 2024 - 10:09 AM (IST)
हरियाणा डेस्क : हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री पूर्व उपमुख्यमंत्री और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के नेता दुष्यंत चौटाला ने एक निजी चैनल में इंटरव्यू में बताया कि आगामी विधानसभा चुनावों में त्रिशंकु विधानसभा की भविष्यवाणी की है और दावा किया है कि सत्ता की चाबी उनके पास होगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा में न तो भाजपा और न ही कांग्रेस 40 सीटों को पार करेगी। चाबी और ताला दोनों मेरे पास होंगे।
दुष्यंत चौटाला ने जेजेपी-बीजेपी गठबंधन के साढ़े चार साल से अधिक समय बाद टूटने पर कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे की बातचीत के दौरान हमने वृद्धावस्था पेंशन को बढ़ाकर 5,100 रुपये करने की मांग की, जो हमारा चुनावी वादा था। हम संसदीय चुनाव अलग से लड़ सकते थे, उनके साथ खड़े होते, लेकिन वे सहमत नहीं हुए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने स्वीकार किया कि धोखा तो हुआ ही है। भाजपा और कांग्रेस दोनों का लक्ष्य क्षेत्रीय दलों को रोकना है। ऐसा सिर्फ हरियाणा में ही नहीं, बल्कि पंजाब में अकाली दल के साथ भी हुआ है। 2018 में टीडीपी के साथ क्या हुआ? भाजपा ने उनके साथ भी ऐसा ही किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि भविष्य में भाजपा के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा। उन्होंने कहा हमने लोकसभा चुनाव में लोगों की भावनाओं को देखा है। हमें किसान आंदोलन का गुस्सा झेलना पड़ा। भाजपा के साथ रहना एक गलती थी और हम यह गलती दोबारा नहीं करेंगे। आम चुनाव में जेजेपी का वोट शेयर घटकर 0.87 प्रतिशत रह गया।
कांग्रेस और भाजपा में दलबदल की भविष्यवाणी करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों राष्ट्रीय पार्टियों में प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के लिए आठ से नौ उम्मीदवार हैं। किसी को सैनी साहब ने लॉलीपॉप दे रखा है, किसी को मनोहर लाल ने। किसी को हुड्डा ने दे रखा है, किसी को शैलजा ने। एक व्यक्ति को टिकट मिलेगा। जब टिकट घोषित किए जाएंगे, तो बागी चुनाव लड़ेंगे और इन पार्टियों का वोट शेयर घट जाएगा। पूर्व उपमुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनके 10 विधायकों में से पांच उनके साथ हैं। मैंने एक दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमें अपनी पार्टी का नाम टीटीपी, ताऊ ट्रेनिंग पार्टी रखना चाहिए था। हम लोगों को प्रशिक्षित करते हैं और फिर वे राष्ट्रीय पार्टियों में भाग जाते हैं। यह देवीलाल के समय से होता आ रहा है।
उन्होंने सीएम सैनी पर हमला करते हुए कहा कि जो सीएम अपनी पसंद का नौकरशाही फेरबदल नहीं कर सकता, जिसमें जिला एसपी या डीसी शामिल हैं, उसका मतलब है कि उसे रिमोट कंट्रोल किया जा रहा है। मैं दृढ़ता से कहता हूं और कहता रहूंगा कि किसी भी फैसले से पहले 'बड़े साहब' की मंजूरी का इंतजार किया जाता है। मुझे यह बताने के लिए मजबूर न करें कि 'बड़े साहब' कौन हैं। आप रिकॉर्ड देख सकते हैं, लोकसभा चुनाव के बाद पिछले डेढ़ महीने में नायब सैनी ने कोई नीति नहीं बनाई। सभी नीतियां हमारे शासन के पिछले साढ़े चार साल में बनाई गई हैं। यह उस पर नया आवरण लगाने और उसे 'नॉन-स्टॉप हरियाणा' का लेबल देने का मामला है। उन्होंने कहा कि सैनी साहब को मुझे बताना चाहिए कि उन्होंने 'नॉन-स्टॉप हरियाणा' के तहत क्या लाया है।
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