BJP में कांग्रेस की तरह से परिवारवाद नहीं चलता, हुड्डा अपने बेटे दीपेंद्र को ही सत्ता ट्रांसफऱ करना चाहते हैं   : तरुण भंडारी

punjabkesari.in Thursday, Jun 27, 2024 - 04:25 PM (IST)

 चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी):  विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही इन दिनों हरियाणा में राजनीतिक गतिविधियां भी तेज हो चुकी है। कांग्रेस हो या फिर बीजेपी कोई भी दल अपनी ओर से कोई कमी नहीं छोड़ना चाहता। ऐसे में बीजेपी के दिग्गज अमित शाह के हरियाणा दौरे पर सबकी निगाहे टिकी है। हरियाणा में अमित शाह के दौरे समेत राजनीति के ताजा हालात और विधानसभा चुनाव में होने वाले टिकट वितरण समेत कई ज्वलंत मुद्दों पर मुख्यमंत्री के पब्लिसिटी एडवाइजर तरुण भंडारी से तीखे सवाल पूछे। तरुण भंडारी ने भी सभी सवालों का बड़ी संजीदगी के साथ जवाब दिया। इतना ही नहीं इस दौरान तरुण भंडारी कांग्रेस, आप और जेजेपी को लेकर भी बड़े खुलासे किए। आखिर तरुण भंडारी ने किस मुद्दे पर क्या कहा और इस बार बीजेपी कितने नए चेहरों को टिकट देगी पढ़िए इस खास इंटरव्यू में...

सवालः- मिशन 2024, लोकसभा में 5 पर कांग्रेस, 5 पर बीजेपी और अब विधानसभा 2024 को लेकर 29 जून को अमित शाह आ रहे हैं। बीजेपी की तैयारियां युद्ध स्तर पर हैं।
जवाबः-
भारतीय जनता पार्टी केवल चुनाव के समय ही चुनाव की तैयारी नहीं करती, बल्कि जब सरकार बनती है, वह उसके अगले दिन से ही जनता के हितों के कार्य करने शुरू कर देती है, जिसके जरिए वह  लगातार 5 साल तक जनहित के काम करते हुए चुनाव की तैयारी करती है। उसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए गृह मंत्री अमित शाह कार्यकर्ताओं को रोडमैप और दिशा-निर्देश देने आ रहे हैं।

सवालः-2019 के विधानसभा चुनाव में 25 से 30 प्रतिशत नए चेहते थे। इस बार भी कुछ नए चेहरों को जगह मिलेगी।
जवाबः-
कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा क्षेत्रों को लोगों में बांट दिया है, जबकि भारतीय जनता पार्टी में लोगों को मौका दिया जाता है। इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि मनोहर लाल, शिवराज चौहान और वसुंधरा राजे सींधिया इसके उदाहरण है। बीजेपी में नए चेहरों को हमेशा आगे मौका दिया जाता है और पुराने लोग हंसकर वह जिम्मेदारी दूसरों को दे देते है। बीजेपी में कांग्रेस की तरह से परिवारवाद नहीं चलता। कांग्रेस में आज भूपेंद्र हुड्डा अपने बेटे दीपेंद्र को ही सत्ता ट्रांसफऱ करना चाहते हैं। रणदीप सुरजेवाला कैथल से अपने बेटे को ही चुनाव लड़वाना चाहते हैं। इस ढंग की राजनीति बीजेपी में नहीं होती। इसलिए नए चेहरों को भी मौका दिया जाएगा और पुराने चेहरों पर भी विश्वास किया जाएगा।

सवालः- मुख्यमंत्री रहते हुए मनोहर लाल ने एक राजनीतिक मर्यादा रखी। उन्होंने कभी किसी विरोधी नेता का नाम लेकर कटाक्ष नहीं किया, जबकि नायब सिंह ने हाल ही में पत्रकार वार्ता के दौरान अनेक बार रणदीप सुरजेवाला का नाम लेकर उन पर कटाक्ष किया।
जवाबः-
राजनीति में हर व्यक्ति की अलग कार्यशैली होती है। नायब सैनी की अपनी अलग कार्यशैली है। रणदीप सुरजेवाला पिछले 10 साल से जो नेगेटिव राजनीति करते आ रहे हैं, उसकी का नतीजा है कि वह कैथल से भी चुनाव नहीं जीत पाए। कैथल नगर परिषद का चुनाव भी वह हार गए। हरियाणा की जनता अब नकारात्मक राजनीति को छोड़ चुकी है। इसलिए कांग्रेस को वह राजनीति नहीं करनी चाहिए। सुरजेवाला नौकरी के नाम पर युवाओं को और किसानों को भ्रामक प्रचार करके भड़ाने का काम करते हैं। कांग्रेस की इस राजनीतिक के खिलाफ ही मुख्यमंत्री नायब सैनी ने लगातार उनका नाम लिया। 

सवालः- भूपेंद्र हुड्डा और कांग्रेस का एक प्रभावशाली धड़ा इस बात से आश्वस्त है कि वह इस बार 75 से 80 विधानसभा चुनाव में जितने जा रही है।
जवाबः-
 कांग्रेस को भारतीय जनता पार्टी नहीं हरवाएगी। वह तो अपने किए काम के आधार पर जनता के बीच जाएगी। पहले ये पार्टी (कांग्रेस) एक जगह इकट्ठा होकर तो दिखा दें, ये पार्टी कभी इकट्ठी नहीं हो सकती। ये खुद ही अपने एक-दूसरे के दल को हरवाने का काम करेंगे। कांग्रेस खुद ही बिखर जाएगी और तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी।

सवालः- दिल्ली की मंत्री आतिशी हरियाणा पर कम पानी देने का आरोप लगाकर धरने पर बैठी रही। अस्पताल में रही। बहुत आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं।
जवाबः
-एक नाटक और फिल्में मुंबई में बनती है। दूसरी ड्रामा कंपनी दिल्ली में है, जो लगातार ड्रामे करके ड्रामा किंग बन चुके हैं। वो सहानभूमित बनाकर वोट लेना चाहते हैं। इसी नाटक से उन्होंने दिल्ली और पंजाब में सरका बनाई। इस लोकसभा चुनाव में उनका फेलियर हुआ है। अब इस नाटक से जनता खुश नहीं होगी, इसके लिए काम करके दिखाना होगा। चूंकि अब पूरे देश से आम आदमी पार्टी का सुपड़ा साफ हो चुका है। इसका कारण यहीं रहा कि ये लोग नाटक ज्यादा और काम कम करते हैं।

सवालः- मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रोहतक में अधिकारियों को चेतावनी दी कि वह लोगों के चक्कर ना कटवाएं, लोगों के काम करें। क्या ब्यूरोक्रेसी पर इसका कोई प्रभाव पड़ेगा ?
जवाबः-
चुनाव के समय में हमारे कार्यकर्ता, संगठन के लोग और विधायकों ने फीड बैक दिया कि कुछ अधिकारियों ने जानबूझकर हमारे जनता के हित के कार्य करने में विलंब किया। उन लोगों को मुख्यमंत्री ने सचेत भी किया और जल्द ही उनकी ट्रांसफर भी हो जाएगी।

सवालः- ऐसे 3 कौन से मुद्दे होंगे, जिसे लेकर भारतीय जनता पार्टी मैदान चुनाव मैदान में उतरेगी।
जवाबः-
हम विकास के मुद्दे पर जनता के बीच जाएंगे, वैसे हमारा केंद्रीय नेतृत्व फैसला करता है कि किन मुद्दों पर हमने चुनाव लड़ना है, लेकिन विकास एक बड़ा मुद्दा है, जो हमने करके दिखाया है। कांग्रेस का 10 साल और बीजेपी का अब तक का कार्यकाल देखे तो पूरे हरियाणा में आज तक की जितनी नौकरियां थी, बीजेपी ने अपने अब तक शासन में सवाल लाख नौकरियां दी। किसानों को 14 फसलों पर एमएसपी हरियाणा सरकार दे रही है। पंजाब में ये भी नहीं दिया जा रहा। पहले गर्मी के दिनों में बिजली को लेकर प्रदर्सन होते थे। आज 90 से 95 प्रतिशत गांवों में 24 घंटे बिजली दी जा रही है। कांग्रेस सड़कों के मामले में भी हमारे सामने कहीं नहीं टिकटी। इन्हीं मुद्दों पर अगला चुनाव लड़ेंगे।

सवालः- जेजेपी ने टिप्पणी की है कि भविष्य में कभी भी कोई भी चुनाव वह बीजेपी के साथ ना तो मिलकर लड़ेंगे और ना ही गठबंधन करेंगे।
जवाबः-
जो पार्टी 1 प्रतिशत वोट लेकर आई, उसकी क्या चर्चा करनी। वो तो कईं बार मिन्नते करते रहे कि रख लो, लेकिन बीजेपी को ये फैसला पहले कर लेना चाहिए था। इनके कारण हमारा नुकसान हुआ। फिर भी जल्द ही इन्हें दूर कर दिया। यहीं वजह है कि हरियाणा में अब तीसरी बार भी बीजेपी की सरकार बनेगी।

सवालः- साढ़े 4 साल जेजेपी सत्ता में पार्टनर रही, अब कांग्रेस को कह रही है कि वह कोई गोल्ड मेडलिस्ट उम्मीदवार लाए, किसी अच्छे चेहरे को लाए तो वह स्पोर्ट करने को तैयार है।
जवाबः-
जिस प्रकार से पूरे देश में सभी दल इकट्ठे होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हराना चाहते थे। परंतु तीसरी बार फिर से उन्होंने सरकार बनाई है। उसी प्रकार से हरियाणा में भी ये सभी दल बीजेपी के खिलाफ इकट्ठे होंगे और हुए भी हैं। परंतु फिर भी तीसरी बार हरियाणा में बीजेपी की सरकार बनेगी।

सवालः- राज्यसभा की बात है।
जवाबः-
कई बार ये (विपक्ष) कहते थे कि आपका बहुमत नहीं है। आप अल्पमत में है तो आज वो कहां गए। अपने विधायक तो बचा नहीं पा रहे। किरण चौधरी हमारी पार्टी में आई है। कांग्रेस के अन्य विधायक भी बीजेपी में आना चाहते हैं। राज्यसभा तो छोड़ो, इनके पास तो चुनाव लड़वाने के लिए भी उम्मीदवार नहीं बचेंगे।

सवालः- हुड्डा खुद कह रहे है कि कांग्रेस के पास राज्यसभा के लिए बहुमत नहीं है। इसलिए दूसरे दल और विधायक इकट्ठा होकर उम्मीदवार उतारें।
जवाबः-
ये लोग एक-दूसरे से मंदद मांग रहे हैं। ये सारे दल इकट्ठा हो जाएं, तब भी बीजेपी उम्मीदवार राज्यसभा में जितेगा और हरियाणा में भी तीसरी बार सरकार बनेगी।
 


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Content Writer

Isha

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