BJP नहीं करती है कांग्रेस करती है जात-पात की राजनीति: ज्ञानचंद गुप्ता

punjabkesari.in Tuesday, Aug 20, 2024 - 05:28 PM (IST)

 चंडीगढ़(चंद्रशेखऱ धरणी): हरियाणा में विधानसभा चुनाव-2024 और राज्यसभा की एक सीट पर होने वाले उपचुनाव की उल्टी गिनती शुरू होने के बाद से ही लगातार राजनीतिक गतिविधियां बढ़ती जा रही है। इसी कड़ी में जहां कांग्रेस की विधायक और बीजेपी नेता किरण चौधरी ने विधायक के पद से अपना इस्तीफा दे दिया। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने भी तुरंत उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया। किरण चौधरी के इस्तीफे समेत ज्ञानचंद गुप्ता ने कईं अन्य मुद्दों पर पर मीडिया के साथ बातचीत की। इस दौरान उन्होंने जहां कांग्रेस पर जात-पात की राजनीति करने का आरोप लगाया। वहीं, चुनाव को लेकर बेबाकी के साथ अपनी राय भी रखी।

‘चुनाव आयोग को लेना चाहिए संज्ञान’
प्रदेश के कई स्थानों पर बीजेपी के 10 साल के शासन के दौरान करीब 14 हजार दुष्कर्म संबंधी लगाए गए पोस्टर पर हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि लोगों को गुमराह करने के लिए इस प्रकार के पोस्टर लगाए जा रहे हैं। चुनाव आयोग को इस पर संज्ञान लेते हुए पोस्टर लगाने वाले लोगों से इसके आंकड़े मांगने चाहिए। 

‘कांग्रेस की याचिका पर चल रही कार्यवाही’
विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गप्ता ने कहा कि किरण चौधरी ने खुद आकर उन्हें इस्तीफा दिया था, जिसे मंजूर कर लिया गया है। किरण चौधरी के राज्यसभा में जाने को लेकर गुप्ता ने कहा कि इसका फैसला बीजेपी हाई कमान को करना है। फिलहाल विधानसभा सचिवालय की ओर से राज्यसभा चुनाव की प्रक्रिया के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। सभी इंतजाम भी पूरे कर लिए गए है। किरण चौधरी की सदस्यता को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस की ओर से पहले दो बार भेजी गई याचिका टेक्निकल रूप से ठीक नहीं थी। अब तीसरी बार भेजी गई याचिका पर कार्यवाही की जा रही है। 



‘कांग्रेस की अपनी कार्यशैली’
रेवाड़ी से कांग्रेस के विधायक चिरंजीव राव की ओर से कांग्रेस की सरकार आने पर डिप्टी सीएम की दावेदारी किए जाने को लेकर ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि मुंगेरी लाल के हसीन सपने कोई भी ले सकता है। अभी तो वह विधायक और एमएलए कुछ भी नहीं बने है। इसलिए इस प्रकार के दावे करना कांग्रेस की अपनी कार्यशैली का हिस्सा हैं।

‘अब नहीं होगा मानसून सत्र’
मानसून सत्र को लेकर पूछे सवाल के जवाब में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि अब प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लग चुकी है। अब मानसून सत्र की बात ही नहीं बनती। वैसे भी मानसून सत्र 6 महीने में होना था, जिसके लिए अभी 12 सितंबर तक का समय है, लेकिन लगता नहीं है कि अब मानसून सत्र होगा।

‘जिताऊ उम्मीदवार को मिलेगी टिकट’
कुछ मौजूदा विधायकों की टिकट कटने को लेकर पूछे सवाल के जवाब में ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि हर दल की ओर से किसी भी प्रत्याशी को जितने के लिए ही टिकट दी जाती है। इसलिए बीजेपी भी जितने वाले उम्मीदवार को ही टिकट देगी। इसके लिए पार्टी की अपनी प्रक्रिया है, जो शुरू हो चुकी है। उसी के तहत 22 और 23 अगस्त को प्रदेश चुनाव समिति की 2 दिवसीय बैठक को आयोजन किया गया है। उसके बाद अंतिम फैसला पार्टी का संसदीय बोर्ड करेगा और वह जिताऊ उम्मीदवार को ही पार्टी का प्रत्याशी बनाएगा।



‘कांग्रेस की चाल को जान और पहचान गए लोग’
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने ओबीसी और एसपी वर्ग को भ्रमित करने का काम किया, जिसमें वह काफी हद तक सफल भी रहे। लोगों में भ्रम बनाया गया कि यदि नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री बने तो बीजेपी संविधान को बदल देगी और आरक्षण भी खत्म कर देगी। इसे लेकर हैंडबिल भी बांटे गए, लेकिन अब लोग कांग्रेस की चाल को अच्छे से जान और पहचान चुके हैं। अब लोग जान चुके हैं कि चुनाव के समय में कांग्रेस इस प्रकार के हथकंडे अपनाती है, लेकिन प्रदेश की जनता अब कांग्रेस में चाल में आकर गुमराह होने वाली नहीं है।

‘बीजेपी नहीं कांग्रेस करती है जात-पात की राजनीति’
बीजेपी की ओर से गैर जाट की राजनीति करने को लेकर पूछे सवाल के जवाब में ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी 36 बिरादरी की पार्टी है। बीजेपी ने कभी भी जातिवाद को लेकर कोई मांग नहीं की है, बल्कि कांग्रेस की ओर से देश में जातिगत जनगणना की मांग की जा रही है। बीजेपी तो सबके साथ लेकर चलने में विशअवास रखती है। हरियाणा में अनेक जाट भी बीजेपी के स्पोर्टर है। राज्यसभा में बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला सांसद बनाकर भेजे गए है। इसलिए आज कांग्रेस की ओर से ऐसा कहकर जांटों को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। गुप्ता ने कहा कि अधिकतर जाट वर्ग के लोग किसान के पेशे से जुड़े हए है और किसानों के लिए जितना काम बीजेपी सरकार ने किया, कांग्रेस उतना पिछले 50 साल में भी नहीं कर पाई। कांग्रेस ने अपने 10 साल के शासन में केवल 1150 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया। बीजेपी 10 साल के दौरान 10 हजार 500 करोड़ का मुआवजा किसानों को सीधे उनके बैंक खाते में दिया गया। इसलिए अब किसान भी समझ चुके हैं, जोकि अब किसी के बहकावे में आने वाले नहीं है।

 


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Content Writer

Isha

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