2 माह से बीके अस्पताल में नहीं है बीपी की दवा, लोगों को बाजार से लेनी पड़ रही दवाइयां

punjabkesari.in Thursday, Feb 11, 2021 - 02:01 PM (IST)

फरीदाबाद : सर्द मौसम में जहां लोगों का बोपी लो और हाई हो रहा है वहां कुत्तों (श्वान) के काटने के केस भी लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में सरकारी अस्पतालों में मरीजों को सभी प्रकार को दवाईयां मुफ्त मिलने के हरियाणा सरकार के दावे खोखले साबित हो रहे है। हकीकत तो यह है कि फरीदाबाद जिले के बीके अस्पताल समेत सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आवश्यक जेनेरिक दवाईयों का अभाव है। मरीजों को बाहर की दवा लिखने पर प्रतिबंध लगा है लेकिन चिकित्सक फिर भी मेडिकल स्टोर से दवा खरीदने के लिए सरकारी पर्चे पर वही साल्ट लिख देते हैं जो सरकारी या बाहरी चुनिंदा मेडिकल स्टोरों पर मिलती हो। ताकि मरीज बाहर जाकर इन मेडिकलों से दवाईयां खरीदे।

यह खेल जिला अस्पताल में लंबे समय से चल रहा है। खास बात यह है कि सरकारी चिकित्सक मरीज को बाहर से खरीदने के लिए जो दवाईयां लिखते हैं, वे कुछ चुनिंदा मेडिकल स्टोरों पर ही मिल पाती है, जहां चिकित्सकों का कमीशन तय रहता है। फरीदाबाद में जिला अस्पताल सीएचसी औऱ पीएचसी पर लापरवाही का आलम है कि ड्रग सरकारी मेडिकल स्टोर में रोजमर्रा की बीपी, एंटी रैबीज एंजैक्शन, मांसपेशियों पर लगाने के लिए दर्द निवारक ट्यूब, दाद-खाज-खुजली के लिए लोशन आदि दवाइयां तक मेडिकल स्टोर में पिछले दो माह से खत्म हो चुकी है।

विकल्प के रुप में दी जाने वाली बीपी की दवा एटीनोल हर मरीज को सूच नहीं करती और मरीजों की तबीयत नासाज हो जाती है। ऐसे में डॉक्टर इस दवा को नहीं लिखते। मेडिकल स्टोर पर काम करने वाले कैमिस्ट एवं फार्मासिस्टों का कहना है कि उन्होंने गुरुग्राम स्थित ड्रग वेयर हाउस को खत्म हुई दवाईयों की आपूर्ति के लिए लिख दिया है। लेकिन अब तक यह दवाईयां फरीदाबाद नहीं पहुंची है। उनका कहना है कि गुरुग्राम में भी आगे से दवाईयां नहीं आ रही है जिसका असर गुरुग्राम ड्रग वेयर हाउस से दवाओं आपूर्ति होने वाले फरीदाबाद, पलवल, मेवात, गुरुग्राम और रेवाड़ी जिलों के स्वास्थ्य केंदों पर भी पड़ रहा है। 

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Content Writer

Manisha rana

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