कमीशन का खेल: प्राइवेट स्कूलों की मनमानी, NCERT की बजाय लगवाई जा रही प्राइवेट प्रकाशकों की किताबें

punjabkesari.in Tuesday, Apr 09, 2024 - 08:51 AM (IST)

कैथल (जयपाल रसूलपुर):  जिले में इस समय प्राइवेट स्कूलों की मनमानी चल रही है, क्योंकि नया शिक्षा सत्र शुरू हुआ है। बच्चों के एडमिशन हो रहे हैं। ऐसे में प्राइवेट स्कूल मोटी कमाई के लालच में किताबों से लेकर वर्दी, बेल्ट समेत अन्य चीजों में कमीशन का खेल खेल रहे हैं। इस पर लगाम लगाने वाले अधिकारी सब बातों का पता होते हुए भी अनदेखा कर रहे हैं।

इससे अधिकारियों की कार्य प्रणाली भी संदेह के घेरे में है। क्योंकि अब तक ऐसा करने वाले एक भी स्कूल पर कार्रवाई नहीं की गई है। एन.सी.ई.आर.टी की किताबों के मुकाबले निजी प्रकाशकों की किताबें दोगुने रेट में अभिभावकों से जबरन खरीदवाई जा रही हैं। वर्दी कहां से लेनी है और किताबें कहां से लेनी है, ये सब स्कूल वाले ही अभिभावकों को बताते हैं। यदि दूसरी जगह से ली तो वह मान्य नहीं होगी, ऐसा कहकर उनको डराया जा भी रहा है।


कई स्कूल अलग- अलग कक्षाओं के किताबों के सेट में एनसीईआरटी की कम किताबें लगवा रहे हैं और प्राइवेट प्रकाशकों की ज्यादा हैं। इनमें ज्यादातर प्राइवेट स्कूल एनसीईआरटी की बजाय प्राइवेट पब्लिशर्स की किताबें बच्चों को खरीदने के लिए कह रहे हैं। साथ ही कई अभिभावकों ने बताया कि कई प्राइवेट स्कूल तो किताबों के पैसे बच्चों से मांग रहे हैं और किताबें स्कूल से ही देने की बात कह रहे हैं।

उन्होंने एडमिशन व महीने की फीस के साथ-साथ किताबों के पैसे पहले ही जोड़कर अभिभावकों को एस्टीमेट दिया है और कहा है कि किताबें स्कूल से ही दी जाएंगी। इसके लिए पेमेंट एडवांस करनी होगी। पहली से 5वीं तक के स्कूलों में ज्यादातर ऐसा हो रहा है। एनसीआरटी की किताबों व निजी प्रकाशकों की किताबों के रेट में कही 500 से लेकर 2 हजार तक रुपए ज्यादा रेट बताए जा रहे हैं। कई स्कूलों में बड़ी कक्षाओं में किताबें तो एन.सी.आर.टी की लगवाई गई हैं, लेकिन अलग से प्राइवेट प्रकाशकों की ट्यूटर गाइड भी लाने के लिए कहा जा रहा है। 

 
कक्षा: एन.सी.ई.आर.टी रेट: प्राइवेट रेट:

पहली 500 1000-1100 
दूसरी 650 1150-1300 
तीसरी 600 1250-1500 
चौथी 650 1100-1200 
पांचवीं 850 1300-1400 
छठी 850 2100- 2300
सातवीं 900 2150- 2200 
आठवीं 950 2200- 2400 
नौवीं 1050 2450- 2550 
दसवीं 1200 2600-2700


नकली किताबें हुई थी बरामद
पिछले साल जिले के सात पुस्तक विक्रेताओं से भारी मात्रा में नकली किताबें बरामद हुई थी। एक निजी कंपनी के मैनेजर ने उनके साथ धोखाधड़ी करने वाले सभी पुस्तक विक्रेताओं के खिलाफ सिविल लाइन थाने में शिकायत दी थी। जिसके बाद पुलिस ने सभी डिपो धारकों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था।


 क्या कहना है कैथल स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन के प्रधान का
कैथल स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन के प्रधान मंजीत सिंह व सदस्य अनिल खुराना,गुरमीत सिंह,योगेश पनेसर व लखविंदर सिंह का कहना है कि किताबों के इस खेल में स्कूल और पुस्तक विक्रेता मिलकर निजी प्रकाशकों की किताबों पर कमीशन खा रहे हैं। विभाग द्वारा इस लूट पर उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। इसके साथ ही सभी स्कूलों की किताबे सभी बुकसेलरों पर मिलनी चाहिए। ताकि कोई भी स्कूल संचालक किसी भी बुक प्रकासक के साथ सेटिंग न कर सके।

 क्या कहना है जिला शिक्षा अधिकारी का
जिला शिक्षा अधिकारी विजय लक्ष्मी ने बताया कि एन.सी.ई.आर.टी की बजाय प्राइवेट पब्लिशर्स की किताबें स्कूलों में लगाने बारे उनके पास किसी अभिभावक ने अभी तक कोई शिकायत नहीं की है। विभाग द्वारा भी उनको चेकिंग के भी निर्देश नहीं मिले हैं। यदि उनके पास कोई शिकायत आती है तो निश्चित रूप से उसकी जांच की जाएगी।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Isha

Recommended News

Related News

static