हिंदू महापंचायत का ऐलान, 28 अगस्त को नल्हड़ के शिव मंदिर से दोबारा निकाली जाएगी ब्रजमंडल यात्रा

punjabkesari.in Sunday, Aug 13, 2023 - 08:20 PM (IST)

पलवल(रुस्तम जाखड़) : गत 31 जुलाई को नूंह में हुई सामुदायिक हिंसा को लेकर रविवार को पलवल के पौंडरी गांव में हिन्दू संगठनों द्वारा सर्वजातीय 52 पालों की महापंचायत का आयोजन किया गया। जिसमें बृजमंडल यात्रा के दौरान हुई हिंसा को लेकर कई अहम फैसले लिए गए। जिसमें ब्रजमंडल की अधूरी यात्रा को फिर निकाल कर पूरी का फैसला लिया गया है। इसके साथ ही 28 अगस्त का दिन यात्रा के लिए तय किया गया है। जानकारी के मुताबिक नल्हड़ के शिव मंदिर से दोबारा यह यात्रा शुरु की जाएगी।

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हलाकि यात्रा को डेट को लेकर अभी असमंजस है जिसे प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत कंफर्म किया जाएगा। वहीं इस पंचायत में मृतकों को एक करोड़ रुपये मुआवजा व परिजनों को एक सरकारी नौकरी, घायलों को 50 हजार मुआवजा देने के अलावा हिंसा में हुई क्षति की पूर्ति की मांग रखी गयी है। इतना ही नहीं पंचायत में फैसला हुआ है कि इस हिंसा से संबंधित जो मुकदमा नूंह अदालत में विचाराधीन हैं उसकी सुनवाई किसी अन्य अदालत में हो। इतना ही नहीं पंचायत के माध्यम से फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस के विधायक मामन खान को गिरफ्तार करने की भी मांग की गयी है। 

पंचायत की अध्यक्षता कर रहे 52 पाल के प्रधान अरुण जेलदार ने महापंचायत में लिए गए निर्णयों के बारे में बताते हुए कहा की इस यात्रा में प्रदेश और देश के अन्य स्थानों से यात्रा में हिस्सा लेने के लिए लोग आये थे, जो शांतिपूर्ण तरीके से अपनी यात्रा निकाल रहे थे। परन्तु उनके साथ हिंसा हो गयी। इसलिए अब उन लोगों की हिम्मत नहीं हो रही की वो न्याय और सुनवाई के लिए मेवात आ सकें। इसलिए अदालती कार्रवाई कहीं और होनी चाहिए। सर्वजातीय महापंचायत के माध्यम से हम सबकी मांग है कि मेवात को पूर्णतयाः गौ हत्या मुक्त बनाया जाए, क्योँकि जो भी दंगा या हिंसा हुई है वो सब गौ हत्या की वजह से हुई है। 

आगामी 28 अगस्त को प्रस्तावित पुनः जलाभिषेक यात्रा पर अरुण जेलदार ने कहा की हर वर्ष यह जलाभिषेक होता आ रहा है, जो अबकी बार अधूरा रह गया जो अवश्य पूरा होना चाहिए। इसके लिए सभी को मदद कर शिवाजी का जलाभिषेक जो हर वर्ष सावन महीने में होता है करना चाहिए। वहीं मुस्लिमों को पंचायत में न बुलाने के सवाल पर प्रधान ने कहा कि आयोजक कमेटी ने पंचायत का आयोजन इसलिए किया था कि वो अपनी व्यथा बता सकें, कि उनके साथ क्या हुआ था उसी के अनुरूप पंचायत में लोग बुलाये गए थे।

आयोजकों ने पंचायत की मांगों के बारे में जानकारी देते हुए बताया की इस हिंसा में जो भी नुकसान हुआ है। उसकी भरपाई उपद्रवियों से होनी चाहिए। इसके साथ ही पूरे मामले की जांच एनआईए से कराई जाए। पलवल और नूंह के हिन्दुओं को हथियारों के लाइसेंस दिए जाएं। पंचायत में मौजूद किसान नेता रत्न सिंह सौरोत ने कहा की नूंह के जिले के दर्जे को समाप्त किया जाये और आरएएफ व एचपीए की टुकड़ी नूंह में परमानेंट स्थापित की जाए। इस दौरान पलवल सोहना और गुरुग्राम में दर्ज हुए मुकदमों को जल्द रद्द किया जाए। इस महापंचायत में इनसे अलग भी कई अन्य निर्णय लिए गए हैं। 

बता दें की 31 जुलाई को नूंह में उस समय साम्प्रदायिक हिंसा भड़क गयी थी जब कुछ हिन्दू संगठनों द्वारा जलाभिषेक यात्रा निकल रही थी। इस हिंसा की चिंगारी न केवल मेवात बल्कि प्रदेश के अन्य जिलों तक भी पहुंच गई थी। जिसमें करीब आधा दर्जन लोगों की जान चली गई थी।

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Content Writer

Saurabh Pal

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