महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात के चलते हरियाणा का मंत्रिमंडल विस्तार होल्ड

punjabkesari.in Saturday, Nov 09, 2019 - 10:52 AM (IST)

चंडीगढ़/फरीदाबाद (बंसल/महावीर): दीवाली के दिन हरियाणा के मुख्यमंत्री व उप-मुख्यमंत्री ने पद की शपथ ले ली, लेकिन तब से भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार का मामला अधर में लटका है। कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात के चलते हरियाणा का मंत्रिमंडल विस्तार होल्ड पर है। मंत्री बनने का सपना देख रहे भाजपा तथा जजपा विधायकों में बेचैनी का आलम इस कदर है कि बार-बार राजनीतिक आकाओं से संपर्क कर यह पता कर रहे हैं कि विस्तार कब तक होगा। 

इतना ही नहीं,प्रदेश के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य भी बिहार गए हैं और उनकी वापसी 11 नवम्बर तक संभव मानी जा रही है तो उससे पहले मंत्रिमंडल विस्तार वैसे भी संभव नहीं है। दूसरी ओर चंडीगढ़ व पंचकूला के विश्राम गृहों के कमरे जो 8 नवम्बर तक होल्ड करवाए गए थे अब उन्हें 10 व 11 नवम्बर को होल्ड करवाया गया है। प्रशासनिक गलियारों की मानें तो प्रदेश के मंत्रिमंडल विस्तार का मामला 11 नवम्बर से भी आगे टल सकता है और 15 नवम्बर से पहले विस्तार हो जाएगा।  दूसरी ओर मुख्यमंत्री ने पिछले 3 दिन से दिल्ली में डेरा डाला हुआ है। 2 दिन पहले पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष से मुलाकात हुई। बीते दिवस मुख्यमंत्री मनोहर लाल,प्रदेश संगठन महामंत्री सुरेश भट्ट तथा सुभाष बराला ने मंत्रिमंडल के गठन को लेकर चर्चा की। मुख्यमंत्री पिछले 3 दिन से पार्टी अध्यक्ष एवं गृह मंत्री अमित शाह के बुलावे का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि मंत्रियों की पर्ची उनकी जेब में है सिर्फ शाह की मोहर लगना बाकी है। 

दूसरी ओर भाजपा तथा जजपा गलियारों की चर्चाओं की मानें तो विधायक जो मंत्री बनने के लिए चाहवान हैं विद्रोह जैसी स्थिति में हैं। जजपा के अंदर ज्यादा विद्रोह जैसी स्थिति है,क्योंकि अधिकांश विधायक मंत्री बनना चाहते हैं जोकि संभव नहीं है। जजपा के हिस्से 4 मंत्री बताए जाते हैं जिसमें से 1 उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला बन गए हैं तो ऐसे में 3 मंत्री बनाए जाने हैं और उसी को लेकर जजपा विधायक अपनी-अपनी तरफ से पूरा जोर लगा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो टोहाना से विधायक बने देवेंद्र सिंह बबली मंत्री बनने की जुगत में हैं लेकिन भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला उनका पत्ता कटवाने के प्रयास में जुटे हैं। इसी तरह पूर्व वित्त मंत्री कै.अभिमन्यु को हराकर जजपा से विधायक बने राम कुमार गौतम का मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा था, लेकिन उनको रोकने के लिए कै.अभिमन्यु प्रयास कर रहे हैं। 

जजपा में इस बात को लेकर अंदरखाते कशमकश जारी है कि एस.सी.वर्ग से किसे मंत्री बनाया जाए। अनूप धानक या फिर ईश्वर सिंह। इनमें से किसी एक का मंत्री बनना लगभग तय है। हालांकि भाजपा ने जजपा नेताओं को स्पष्ट कर दिया है उनके मंत्री भी जातिगत समीकरणों के हिसाब से बनाए जाएंगे, अगर उस जिले में भाजपा का विधायक मंत्री बनता है तो जजपा दूसरे जिले के विधायक का नाम दे दे। जजपा के जो विधायक मंत्री नहीं बन पाएंगे उन्हें बोर्ड कार्पाेरेशनों के अध्यक्ष पदों पर नियुक्त कर गाड़ी-कोठी की सुविधा का प्रबंध किया जाएगा।


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Isha

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