कैबिनेट मंत्री कमलेश ढांडा ने ली अधिकारियों की बैठक, मजबूती से कार्य करने के दिए निर्देेश

punjabkesari.in Wednesday, Nov 20, 2019 - 11:28 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कमलेश ढाण्डा ने बुधवार को चंडीगढ़ में विभाग की विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं की समीक्षा के लिए आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ने प्रदेश में महिलाओं और बच्चों के कल्याणार्थ चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं को पूरे तालमेल और इमानदारी से लागू करते हुए पूरी मजबूती से कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में महिलाओं की सुविधा के लिए दिसम्बर, 2018 से शुरू की गई महिला हैल्पलाइन 181 पर अब तक की गई 9624 कॉल्स में से 1114 कॉल्स महिलाओं से सम्बन्धित प्रभावी कॉल थीं, जिस पर मंत्री ढाण्डा ने तुरन्त महिला हैल्पलाइन पर कॉल किया और स्वयं इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। अधिकारी द्वारा वह बताए जाने पर कि लाइन्स कम होने के कारण कई बार लाइन बिजी आती रहती है, उन्होंने इन लाइन्स को बढ़वाने का आश्वासन दिया। 

बैठक में बताया गया कि बालिकाओं का अस्तित्व बनाए रखने, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने, उनके प्रति लोगों की मानसिकता को बदलने और घटते लिंगानुपात को संतुलित करने के उद्देश्य से जनवरी, 2015 में  शुरू किए गए ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ कार्यक्रम के फलस्वरूप अक्तूबर, 2019 तक लिंगानुपात 830 से बढकऱ 919 हो गया है। राज्य सरकार द्वारा इस कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए किए गए प्रयासों के कारण ही ऐसे उत्साहवर्धक परिणाम सामने आए हैं और हरियाणा अन्य राज्यों के लिए आदर्श बन गया है।

बैठक में बताया गया कि किशोरियों, गर्भवती एवं स्तनपान करवाने वाली माताओं और शून्य से छ: वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों के पोषण स्तर को सुधारने के लिए राज्य के सभी जिलों में पोषण अभियान चलाया जा रहा है। घटते लिंगानुपात की समस्या को समाप्त करने और स्कूलों में लड़कियों के दाखिलों की संख्या को बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई ‘आपकी बेटी-हमारी बेटी’ योजना के तहत अनुसूचित जाति एवं गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे परिवारों को 22 जनवरी 2015 के बाद जन्मी पहली बेटी के लिए, सभी परिवारों को दूसरी बेटी के जन्म पर और 24 अगस्त 2015 के बाद तीसरी बेटी के जन्म पर भी 21,000 रुपये की राशि एलआईसी के माध्यम से जमा करवाई जाती है। बेटी के 18 वर्ष के होने पर उसे लगभग एक लाख रुपये की राशि मिलती है।

इस योजना के तहत चालू वर्ष के दौरान अक्तूबर 2019 तक 34,250 लाभानुभोगियों को कवर किया जा चुका है। वर्ष 2019-20 के लिए 17,000 लाख रुपये बजट प्रावधान किया गया है, जिसमें से अक्तूबर 2019 तक 9732.14 लाख रुपये की राशि खर्च की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त, हिंसा पीड़ित महिलाओं के सहायता के लिए सभी जिलों में चरणबद्ध रूप से ‘वन स्टॉप सैण्टर’ खोले गए हैं ताकि पीड़ित महिलाओं को चिकित्सा, कानूनी, मनोवैज्ञानिक और परामर्श जैसी विभिन्न सेवाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध हो सके।


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Shivam

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