यमुनानगर की प्लाईवुड फैक्ट्री में छापेमारी का विरोध करने पर मुकदमे हुए दर्ज

punjabkesari.in Sunday, May 22, 2022 - 05:05 PM (IST)

यमुनानगर(सुमित): यूरिया को प्लाइवुड इंडस्ट्री में अवैध रूप से इस्तेमाल किए जाने की सूचना पर यमुनानगर की फैक्ट्रियों में छापेमारी के दौरान जिन फैक्ट्री संचालकों ने टीम का विरोध किया था, उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। यमुनानगर की जिन छह फैक्ट्रियों में छापेमारी की गई थी, उनमें से तीन फैक्ट्रियों में केंद्र व प्रदेश सरकार की विभिन्न टीमों का न सिर्फ फैक्ट्री संचालकों का विरोध झेलना पड़ा बल्कि उन्हें कागजी कार्रवाई पूरी करने में भी सहयोग नहीं मिला।

यमुनानगर में छापेमारी के दौरान हुआ था भारी विरोध

दरअसल देशभर के कई राज्यों में किसानों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले यूरिया को प्लाईवुड फैक्ट्रियों में अवैध रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है। करोड़ों की सब्सिडी का यह यूरिया फैक्ट्रियों में इस्तेमाल होने पर सरकार को भी भारी नुकसान हो रहा है। इसी तरह की सूचनाएं मिलने के बाद बीते दिनों देश के केरल, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, तेलंगाना व हरियाणा में एक साथ कई फैक्ट्रियों में छापेमारी की गई। यमुनानगर में भी डायरेक्टर ऑफ फर्टिलाइजर मिनिस्ट्री ऑफ एग्रीकल्चर भारत सरकार के डायरेक्टर हरविंदर सिंह, उप कृषि निदेशक डॉ जसविंदर सिंह, पुलिस सहित अन्य कई टीमों ने एक साथ छापेमारी की। इस छापेमारी से प्लाईवुड फैक्ट्री मालिकों में हड़कंप मच गया थ। इसके बाद फैक्ट्री मालिकों व मजदूरों ने सड़कों पर आकर जाम भी लगाया था। इस मामले में यमुनानगर की तीन फैक्ट्रियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करवाए गए हैं। जबकि चार प्लाईवुड फैक्ट्रियों से टेक्निकल ग्रेड यूरिया के सैंपल भी लिए गए हैं।

तीन फैक्ट्री संचालकों के खिलाफ होगी कार्यवाही

उप-कृषि निदेशक डॉ जसविंदर सिंह सैनी ने बताया कि केंद्र व प्रदेश सरकार के पास इस तरह की शिकायतें आ रही थी कि कृषि योग्य यूरिया औद्योगिक क्षेत्र में प्रयोग किया जा रहा है। इसके बाद देश के विभिन्न राज्यों सहित हरियाणा में एक साथ छापेमारी की गई। इस दौरान कई फैक्ट्री प्रबंधकों ने इन टीमों का सहयोग नहीं किया और छापेमारी करने से रोका। जिसके बाद तीन फैक्ट्री मालिकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया है।

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Content Writer

Vivek Rai

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