मृत व्यक्तियों के नाम पर हुए पेंशन घोटाले की जांच करेगी सीबीआई, पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने दिए आदेश

punjabkesari.in Thursday, Jun 01, 2023 - 12:59 PM (IST)

चंडीगढ़ (चन्द्र शेखर धरणी): हरियाणा में मृत व्यक्तियों के नाम पर पेंशन के रूप में करोड़ों रुपये वितरित करने के सही जांच न होने पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने मामले की सीबीआइ जांच के आदेश देते हुए साफ कर दिया कि इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।  कोर्ट ने कहा कि एसीएस से लेकर विभाग के अधीक्षक तक जो भी इसके लिए दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा। हाई कोर्ट के जस्टिस विनोद एस भारद्वाज ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के महानिदेशक और समाज कल्याण विभाग हरियाणा द्वारा दायर हलफनामे की जांच के बाद ये आदेश पारित किए हैं।

शत्रुजीत कपूर, डीजीपी (एसीबी) ने अपने विस्तृत जवाब में अपात्र लाभार्थियों को पेंशन के वितरण के संबंध में राज्य में दर्ज एफआईआर की जांच में कमियों को स्वीकार किया। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने कोर्ट को बताया कि अपात्र हितग्राहियों से 45,17,223 रुपये की वसूली की जा चुकी है तथा 6722 गलत हितग्राहियों से 7,5757085 रुपये की वसूली लंबित है। कोर्ट को बताया गया कि राज्य के विभिन्न जिलों में जिला समाज कल्याण अधिकारी (डीएसडब्ल्यूओ) के रूप में कार्यरत सात जिला स्तरीय अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की गई है। कोर्ट के संज्ञान में यह भी लाया गया कि पिछले पांच साल से इस मामले की जांच की फाइल छेड़ी भी नहीं गई। कोर्ट के सख्त रवैये के बाद ही कुछ हचचल की गई। कोर्ट को यह भी बताया गया कि कुछ अधिकारी व कर्मचारी को सेवानिवृत हुए चार साल से ज्यादा का समय हो चुका है इस लिए उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा सकती।

 इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए कोर्ट ने सवाल किया कि ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ समय से कार्रवाई क्यों नहीं की गई। मामले में याचिका दाखिल करते हुए आरटीआई एक्टिविस्ट राकेश बैंस एडवोकेट प्रदीप रापडिया के माध्यम से हाई कोर्ट को हरियाणा में हुए पेंशन वितरण घोटाले की जानकारी दी। याची ने बताया कि प्रदेश में तत्कालीन सरपंचों व नगर पालिका पार्षदों ने समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत कर बड़ा घोटाला किया है। ऐसे व्यक्तियों के नाम पर पेंशन वितरण किया गया जो स्वर्ग सिधार चुके हैं। कुरुक्षेत्र जिले का उदाहरण देते हुए हाई कोर्ट को बताया कि कैग रिपोर्ट के अनुसार साल 2013 से लेकर 2017 तक पेंशन वितरण में घोटाला हुआ है। सरकार ने खुद माना है कि कुरुक्षेत्र में 14000 अपात्र लोगों को पेंशन दी गई है।


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Content Writer

Isha

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