किरण चौधरी के कार्यक्रम में हुआ बदलाव, कुरुक्षेत्र की जगह अब इस शहर में होगा आयोजित
punjabkesari.in Tuesday, Aug 23, 2022 - 10:36 PM (IST)
चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): 29 अगस्त को कुरुक्षेत्र में होने वाले किरण चौधरी के कार्यक्रम में बदलाव किया गया है। अब यह कार्यक्रम एक दिन पहले करनाल में आयोजित होगा। किरण चौधरी 50 लोगों के घर चाय के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए करनाल पर जा रहीं हैं। राज्यसभा चुनावों में हरियाणा प्रदेश के कुछ कांग्रेसी विधायकों द्वारा किरण चौधरी के खिलाफ फ्रंट खोलने व पराजित प्रत्याशी अजय माकन द्वारा सीधे तौर पर रद्द वोट में किरण चौधरी पर हमला बोल जाने के बाद अब किरण चौधरी ने कांग्रेस के शुद्धिकरण के लिए फ्रंटफुट पर खेलने की रणनीति तैयार कर ली है। किरण चौधरी द्वारा कांग्रेस में वार्चसर का शंखनाद: होने की तैयारी है। शुद्धिकरण के लिए आर-पार के मूड में राजनैतिक बिगुल बजाने के निर्णय लिया गया है।
बताया जा रहा है कि किरण चौधरी प्रान्त स्तरीय नेतायों में एक दर्जन के करीब पूर्व विधायको के संपर्क में है।सभी ने हरियाणा में कांग्रेस की कमान एक नेता व एक गुट को देने के आलाकमान के फैंसले को बदलने के लिए दवाब बनाने व आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए किरण चौधरी को अपना नेता स्वीकार किया।इस बैठक में कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी शेलेजा,केंद्रीय कांग्रेस संगठन में महामंत्री रणदीप सुरजेवाला,पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन का कोई भी समर्थक नजर नही आया। मगर माना यह जा रहा है कि जिस प्रकार कुमारी शैलजा की कुर्सी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में छीनी गई, उससे आहत यह ग्रुप अभी पर्दे के पीछे रह सभी राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर रख रहा है।
किरण चौधरी के इन कदमों पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदय भान व नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री भुपिंदर सिंह हुड्डा की भी निःसंदेह पैनी निगाहैं रहेंगी।वह किरण के इस न्याय युद्ध का तोड़ क्या निकालते हैं पर सबकी निगाहें रहेंगी।अत्तीत में जब 6-7 वर्ष पूर्व किरण चौधरी ने जब अलग रैलियां की थी तब भी हुड्डा ने अपने बचपन के साथी सुभाष बत्रा की मध्यस्थता से सुंदरनगर स्थित उनके निवास पर जाकर स्थिति नियन्त्रित की थी। कांग्रेस के इस गृह-युद्ध के सार्वजनिक होने पर भाजपा के लिए स्थिति सबसे ज्यादा सुखद रहने वाली है क्योंकि बाहिर दर्शक-दीर्घा में बैठ लुत्फ उठाने का लाभ मिलेगा।नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री भुपिंदर सिंह हुड्डा के पास लम्बा राजनीतिक अनुभव व पूरे हरियाणा में पैठ है।
किरण चौधरी कहतीं हैं कि मेरे प्रतिद्वंदी चाहते हैं कि किसी तरीके से किरण को बाहर निकाल दिया जाए। लेकिन उन्हें नहीं पता कि मैं किस मिट्टी की बनी हूं। मैंने राजनीति में कभी कुछ नहीं लिया। निष्पक्ष और पाक साफ काम किया है। मुझे अपने राजनीतिक विरोधियों को संभालना आता है। मैं राजनीति में काम करने के लिए आई हूं। मुझे बाहर निकालने की सोच रखने वाले गलतफहमी का शिकार हैं। मैं डटकर काम करती हूं। विधानसभा में जो काम बहुत कम लोग कर सकते हैं, वह करती हूं। अपने पक्ष को मजबूत ढंग से पेश करती हूं। विधानसभा के अंदर हो या बाहर हमेशा पार्टी के हित में काम किया है और करती रहूंगी। विरोधियों को पता है कि कब केवल और केवल किरण चौधरी ही बची हैं उनके खिलाफ की मुहिम छेड़ो। जबकि जनता अच्छी तरह से जानती है कि किरण किस तरह की नेता है। जनता जानती है कि कौन किस के लायक है और कौन क्या कर सकता है।
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