Haryana Assembly Election 2024: विधानसभा चुनाव में धराशायी हुए चौटाला परिवार के दिग्गज, इन नेताओं ने बचा ली लाज
punjabkesari.in Tuesday, Oct 08, 2024 - 06:46 PM (IST)
हरियाणा डेस्कः हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद सभी एग्जिट पोल में कांग्रेस की सरकार बनने की बात कही जा रही थी, लेकिन अब भाजपा स्पष्ट बहुमत पाती नजर आ रही है। भाजपा अब तक के रुझानों में 50 सीटों पर आगे चल रही है।
चौटाला परिवार को जनता ने नकारा
इस चुनाव के रुझानों में कई दिग्गज अपनी सीट हारते दिख रहे हैं। इसके अलावा पूरे चौटाला परिवार को हरियाणा की जनता ने नकार दिया है। चाहे अभय चौटाला की इनेलो हो या दुष्यंत चौटाला की जेजेपी, दोनों के बड़े बड़े किले ढहते दिख रहे हैं। केवल इनेलो के अर्जुन चौटाला ही अपनी रानिया सीट से जीत पाए।
जेजेपी की बत्ती गोल, मुरझाया कमल
जननायक जनता पार्टी यानी जेजेपी को भारतीय जनता पार्टी से अलग होने का खूब नुकसान हुआ है। पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले दुष्यंत चौटाला की पार्टी को 14 फीसदी वोटों का नुकसान होता दिख रहा है।
चौटाला परिवार से कौन-कौन उम्मीदवार हैं?
- दुष्यंत चौटाला- हिसार के उचाना कलां से चुनाव लड़ रहे दुष्यंत चौटाला बुरी तरह हार गए।
- अभय चौटाला- सिरसा के ऐलानाबाद से चुनाव लड़ रहे अभय चौटाला के हाथ भी हार लगी
- आदित्य चौटाला- डबावाली सीट से चुनाव लड़ रहे अभय चौटाला के बेटे आदित्य ने भी जीत हासिल की
दिग्विजय चौटाला- दुष्यंत चौटाला के भाई दिग्विजय डबावाली सीट से ही मैदान में थे। उन्हें भी हार मिली - अर्जुन चौटाला- अभय चौटाला के बेटे अर्जुन चौटाला रानियां सीट से चुनाव जीता है।
सियासत में चौटाला परिवार का दबदबा
1967 में हरियाणा को अलग कर पहली बार चुनाव कराया गया था। तब से हरियाणा की सियासत में चौटाला परिवार का सियासी दबदबा रहा है. उस वक्त चौधरी देवीलाल प्रमुख भूमिका में थे। देवीलाल ने 1967 से लेकर 1989 तक हरियाणा की राजनीति की. वे इस दौरान दो बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। 1989 में भारत के डिप्टी प्राइम मिनिस्टर बनने के बाद देवीलाल ने सीएम की कुर्सी अपने बेटे चौधरी ओम प्रकाश चौटाला को सौंप दिया। उस वक्त उनके छोटे बेटे रणजीत चौटाला भी सीएम पद के दावेदार थे।
ओम प्रकाश चौटाला कुल 4 बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। 2005 में चौटाला हार गए, तब से सत्ता की चौटाला परिवार सीधे तौर पर सत्ता में नहीं आ पाई। 2018 में चौटाला परिवार का विभाजन हो गया।दादा ओम प्रकाश और उनके छोटे बेटे अभय चौटाला के खिलाफ दुष्यंत चौटाला ने बगावत कर दी।
दुष्यंत ने अपने पिता अजय सिंह चौटाला के साथ खुद की पार्टी बना ली। 2019 के चुनाव में जेजेपी को 10 सीटों पर जीत मिली और उसकी भूमिका सरकार में किंगमेकर की रही। इस बार दोनों ही पार्टियां अलग-अलग गठबंधन के साथ मैदान में था।