हरियाणा सचिवालय में चौथी मंजिल की फिजाएं अक्तूबर में बदली-बदली आएंगी नजर

punjabkesari.in Tuesday, Sep 15, 2020 - 06:20 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा सचिवालय की चौथी मंजिल जहां से हरियाणा सरकार चलती है की फिजाएं अक्तूबर से बदली बदली नजर आएंगी। चौथी मंजिल पर ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल, इनके मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा, प्रधान सचिव राजेश खुल्लर के ऑफिस हैं। मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा की सेवानिवृत्ति 30 सितंबर को है। वहीं प्रधान सचिव राजेश खुल्लर की विश्व बैंक अमेरिका में ईडी के रूप में नियुक्ति के बाद यह अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर निर्भर करता है कि वह उन्हें जाने देते हैं या रोकतें है? 

खुल्लर अगर जातें हैं तो अक्तूबर में चौथी मंजिल पर सीएम सचिवालय में 2 आला अधिकारियों मुख्य सचिव व प्रधान सचिव के बदले जाने से सारा दृश्य ही बदला बदला नजर आएगा। चौथी मंजिल से हरियाणा में पूरी प्रशासनिक व राजनैतिक गतिविधियों का निर्धारण होता है। मुख्य सचिव की भूमिका जहां प्रशासनिक व्यवस्था को लेकर रहती है। वहीं प्रधान सचिव की भूमिका राजनैतिक व प्रशासनिक व्यवस्था को मैनेज करने की रहती है। मुख्यमंत्री की इच्छा अनुसार किस को कितना राजनैतिक वेटेज देना है व किस विधायक के कितने काम होने हैं। सब क्षमतायों को भांपने का अंदाजा राजनैतिक व प्रशासनिक आधार पर प्रधान सचिव को ही आंकलित करना पड़ता हैं।

हरियाणा सचिवालय की चौथी मंजिल पर स्थित मुख्य सचिव का कार्यालय (सी.एस.ओ) हरियाणा सरकार का मुख्य कार्यकारी कार्यालय है। यह मंत्री परिषद, सतर्कता, कार्मिक, संसदीय मामलों आदि सहित कई मामलों से संबंधित है। यह हरियाणा सरकार के सभी विभागों पर लागू सेवा मामलों, आरक्षण, रोजगार, अनुग्रह, उन्नयन आदि से संबंधित नीतियों को बनाता है। 

यह हरियाणा सरकार के विभागों बोर्डों, निगमों और कार्यालयों से संबंधित कार्य पर नजर रखता है और समन्वय करता है। मुख्य सचिव कार्यालय राज्य सरकार के विभागों को संदर्भित मामलों पर सलाह जारी करता है। प्रशासनिक नियंत्रण और आई.ए.एस/एच.सी.एस अधिकारियों की स्थापना, हरियाणा सचिवालय सेवाएं, सचिवालय के मिनिस्ट्रियल कर्मचारी इस कार्यालय के अधीन हैं। वर्तमान में, प्रशासनिक सुधार, कम्प्यूटरीकरण, जनता को बेहतर सेवाएं प्रदान करना, पारदर्शिता आदि पर जोर दिया जा रहा है।

मुख्य सचिव के सामान्य रूप से वित्तीय आयुक्त और प्रधान सचिव, समन्वय विशेष/संयुक्त सचिव, विशेष सचिव, राजनीतिक और सेवाएं; विशेष/संयुक्त सचिव सहित वरिष्ठ आई.ए.एस अधिकारियों, सामान्य प्रशासन; सचिवालय प्रतिष्ठान; और विशेष/संयुक्त सचिव प्रशासनिक सुधार सहायक होते हैं। इसके अलावा, सचिव, राज्य सैनिक बोर्ड, ब्रिगेडियर रैंक का एक पूर्व सैनिक होता है, सीधे ही मुख्य सचिव के अधीन काम करता है। राज्य में पूर्व सेवा-सैनिकों के कल्याणकारी कार्य कलापों की देखभाल करता है।

मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव को सचिवालय के मुख्यमंत्री कार्यालय/लोक शिकायत में तैनात अधिकारियों/कर्मचारियों के अभिलेख व्यवस्थित किए जाने से सेवा संबंधित समस्त कार्य, मुख्यमंत्री समय-समय पर की गई घोषणाओं से संबंधित अभिलेख व्यवस्थित किए जाने के संबंध में समस्त कार्य, सभी सरकारी कार्यों के साथ वहीं प्रधान सचिव की भूमिका राजनीतिक व प्रशासनिक व्यवस्था को मैनेज करने की रहती है। 

मुख्यमंत्री की इच्छा अनुसार किस को कितना राजनीतिक वेटेज देना है व किस विधायक के कितने काम होने हैं सब क्षमतायों को भांपने का अंदाजा राजनीतिक व प्रशासनिक आधार पर प्रधान सचिव को ही आंकलित करना पड़ता हैं। हरियाणा के राजनीतिक इतिहास को जानने वाले बताते हैं कि हरियाणा के अंदर प्रधान सचिव का पद मुख्यमंत्री के विश्वस्त को मिलता है व पिछले डेढ़ दशक में कुछ सक्रिय व चर्चा में रहे आई ए एस अधिकारियों की प्रधान सचिव पर नियुक्ति से यह पद सुर्खियों में रहा है। हरियाणा के मुख्यमंत्री की आंख, नाक कान का काम प्रधान सचिव के जिम्मे ज्यादा रहता है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पौने छ साल के कार्यकाल में सबसे पहले प्रधान सचिव संजीव कौशल बने। उनके बाद राजेश खुल्लर को प्रधान सचिव बनाया गया। खुल्लर के 5 वर्ष तक प्रधान सचिव के पद पर रहते उन्होंने इस पद की सार्थकता को प्रमाणित किया है। इसलिए ऐसे कयास भी चल रहे हैं कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल चाहें तो खुल्लर को जाने से रोक भी सकते हैं। अगर खुल्लर जाते हैं तो प्रधान सचिव वहीं अधिकारी बनेंगे जिन्हें मुख्यमंत्री चाहेंगे।


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vinod kumar

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