नगर परिषद की बड़ी कार्यवाही, डीसीपी को 59 लोगों के खिलाफ FIR के लिए लिखा पत्र...जानिए कारण
punjabkesari.in Friday, Nov 21, 2025 - 05:04 PM (IST)
बहादुरगढ़ (प्रवीण कुमार धनखड़): दिल्ली से हरियाणा में दाखिल होते ही शुरू होता है गेटवे आफ हरियाणा यानि बहादुरगढ़ शहर की आज की पहचान देश के सबसे प्रदूषित शहरों में होती है। वायु गुणवत्ता सूचंकांक में बहादुरगढ़ टाॅपर रहते आ रहा है। औद्योगिक प्रदूषण, सड़कों पर उड़ती धूल और अवैध पीवीसी मार्किट भी प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह है।
बहादुरगढ़ में अवैध पीवीसी मार्किट को बंद करवाने के लिए पिछले 6 सालों से लगातार कागजी खानापूर्ति होते आ रही है। केन्द्र की पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम प्राधिकरण के अधिकारियों से लेकर जिला उपायुक्त भी कई बार पीवीसी मार्किट बंद करवाने के फरमान जारी कर चुके हैं। लेकिन अवैध पीवीसी मार्किट बंद नही हो पाई। अब नगर परिषद ने अपनी सीमा क्षेत्र में अवैध पीवीसी मार्किट के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी है। नगर परिषद ने अवैध पीवीसी मार्किट वालों और जिस जमीन पर अवैध कबाड़ गोदाम या पीवीसी गोदाम है उनके मालिकों के खिलाफ एफआईआर के लिए लिख दिया है। नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी ने डीसीपी को ऐसे 59 लोगों की सूची देकर एफआईआर के लिए लिखा है।
नगर परिषद ने इसकी एक कॉपी जिला उपायुक्त, डीएमसी और प्रदूषण नियंत्रण विभाग को भी भेजी है और प्रदूषण नियंत्रण विभाग से अवैध पीवीसी मार्किट में स्टोर किये इंडस्ट्रियल वेस्ट को उठावने की प्रार्थना की है। प्रदूषण नियंत्रण रोकथाम विभाग के रिजिनल अधिकारी शैलेन्द्र अरोड़ा ने भी कई बार नगर परिषद, पीडब्लूडी,एचएसआईआईडीसी, एचएसवीपी, नेशनल हाईवे और खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी को नोटिस भेजकर प्रदूषण रोकथाम के उपाय करने को कहा है, लेकिन बावजूद उसके सड़कों पर धूल उड़ रही , सड़कों पर गड्डे हैं, नगर परिषद सीमा और पास लगते सिदिपुर, परनाला, बामड़ौलीमें अवैध कबाड़ गोदाम या यू कहें पीवीसी मार्किट धड़ल्ले से चल रही है।
अवैध पीवीसी मार्किट में प्लास्टिक कचरे की कटाई से लेकर छंटाई और धुलाई होती है जिसके कारण प्लास्टिक के माईक्रो कण हवा, पानी और धूल के साथ मिलकर वातावरण को धूषित बना रहे हैं। नगर परिषद ने एफआईआर के लिए लिख दिया है क्या अब पंचायते या पंचायत विकास विभाग भी अवैध मार्किट के खिलाफ ऐसी सख्ती दिखाएगा और क्या वास्तव में इस सख्ती से अवैध पीवीसी मार्किट बहादुरगढ़ से हट पाएगी या फिर इस बार ही सख्त कार्यवाही फिर से कागजों तक सीमित रह जाएगी, ये आना वाला वक्त ही बताएगा।