चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर CJI चंद्रचूण की तीखी टिप्पणी, बोले- ये लोकतंत्र की हत्या...चुनाव अधिकारी पर चले मुकदमा

punjabkesari.in Monday, Feb 05, 2024 - 06:22 PM (IST)

चंडीगढ़ः मेयर चुनाव को लेकर आज यानी सोमवार को सुप्रीम में सुनवाई हुई। चुनाव अधिकारी अनिल मसीह को सुप्रीम कोर्ट ने जमकर फटकार लगाई है। सुनवाई के दौरान कोर्ट में चुनावी प्रक्रिया का वीडियो भी चलाया गया, जिसमें चुनाव अधिकारी के धांधली करने का दावा किया जा रहा है। बता दें कि पिछले दिनों चंडीगढ़ में मेयर का चुनाव हुआ था। जिसमें भाजपा प्रत्याशी की जीत हुई थी। इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी की हार हुई थी। वोट काउंटिंग की प्रक्रिया में आप और कांग्रेस ने धांधली का आरोप लगाया था। जिसका कथित तौर पर धांधली करते हुए चुनाव अधिकारी का वीडियो भी वायरल हुआ था। 

सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने चुनाव अधिकारी अनिल मसीह को जमकर फटकार लगाई और कहा यह स्पष्ट है कि उन्होंने बैलट पेपरों से छेड़छाड़(डिफेस्ड) किया है। क्या वह इसी तरह का चुनाव करते हैं? यह लोकतंत्र का मजाक है। लोकतंत्र की हत्या है। इस अधिकारी पर मुकदमा चलाना चाहिए। 

मामले में मुख्य न्यायाधीश ने आदेश दिया है कि मेयर चुनाव के साभी रिकॉर्ड को जब्त कर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के पास रखा जाए। बैलट पेपर और वीडियोग्राफी को संभालकर रखा जाए। इसके साथ कोर्ट ने निर्देश दिया कि चंडीगढ़ निगम की आगामी बैठक स्थगित रहेगी।

गौरतलब है कि मामले की सुनवाई आप और कांग्रेस संयुक्त प्रत्याशी कुलदीप कुमार की याचिका पर हुई। इसमें उन्होंने भाजपा के नए चुने मेयर मनोज सोनकर को हटाकर दोबारा चुनाव कराने की मांग की है। याचिका में दलील दी गई कि चुनाव अधिकारी अनिल मसीह ने वोटों की गिनती में हेराफेरी की है। उनकी तरफ से कांग्रेस नेता और सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी दलीलें रखीं।

वहीं बता दें की सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने से पहले कुलदीप कुमार ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, लेकिन हाईकोर्ट से उन्हें कोई राहत नहीं मिली। पंचाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से याची ने चुनाव पर स्टे लगाने की मांग की थी। लेकिन कोर्ट ने स्टे लगाने से इंकार कर दिया था। जिसके बाद कुलदीप कुमार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। 

मामले में चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस जारी कर इस पर तीन हफ्ते में जवाब मांगा गया था। वहीं कुलदीप कुमार की तरफ से इस मामले में जल्द से जल्द सुनवाई करने की मांग की गई थी। लेकिन, फिर भी चंडीगढ़ प्रशासन को हाईकोर्ट की तरफ से तीन हफ्ते का समय दे दिया गया है। अब इस मामले में 26 फरवरी को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है।

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Content Editor

Saurabh Pal

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