बच्चे की मौत का मामला: CM खट्टर ने की परिजनों से बात, फिर संस्कार के लिए माने घरवाले

punjabkesari.in Sunday, Jan 24, 2021 - 01:39 PM (IST)

हिसार(विनोद): आंखों का इलाज करवाने गये 7 वर्षीय पार्थ वधवा की मौत के मामले में शनिवार को पुलिस की तरफ से कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं होने के कारण पार्थ के परिजनों ने सिविल अस्पताल के सामने पूरा दिन जाम लगाये रखा। सीएम से फोन पर बातचीत के बाद परिजन पोस्टमार्टम के लिए तो तैयार हो गये लेकिन आरोपी चिकित्सक की गिरफ्तारी के बिना बच्चे का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। बाद में बच्चे की लाश की हालत खराब होने के चलते परिजन अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार हो गये। बच्चे के अंतिम संस्कार की रश्मों के लिए काफी संख्या में शहरवासी बस स्टैंड के पीछे मोक्ष धाम पहुंचे।

शहरवासियों ने सिविल अस्पताल के बाहर किया सड़क जाम  
बच्चे के परिजन सुबह ही पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल पहुंच गये। वहां पर परिजनों की अस्पताल के एक चिकित्सक के साथ बहस हो गयी। राजनीति से जुड़े बहुत से नेता भी सिविल अस्पताल पहुंच गये। पहले तो परिजनों ने बच्चे का पोस्टमार्टम चंडीगढ़ से करवाने की मांग की। बाद में स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों ने बच्चे के इलाज से जुड़े कागजात उपलब्ध करवाने के बाद पोस्टमार्टम की बात कही। तब तक परिजनों वे उनके समर्थन में आये शहरवासियों ने सिविल अस्पताल के बाहर सड़क जाम कर दिया। इसके बाद पार्थ के पिता मोहित वधवा व दूसरे लोग पुलिस के साथ मान आंखों के अस्पताल पहुंचे। यहां एक घंटे तक तलाशी लेने के बाद बच्चे के इलाज से जुड़ी फाइल अस्पताल की बजाये डॉक्टर के बेडरूम में मिली। पार्थ के पिता ने आरोप लगाया कि फाइल में कागजात बदले हुए हैं क्योंकि उन्होंने जो कागज साइन किये थे इसमें हैं ही नहीं।
 
सीएम खट्टर ने की परिजनों से बात
अस्पताल से इलाज के कागजात लेकर परिजन सामान्य अस्पताल पहुंचे। तब तक बरवाला से जेजेपी के विधायक जोगीराम सिहाग भी परिजनों के बीच पहुंच गये और उनके साथ ही धरने पर बैठ गये। इसी बीच उन्होंने मृतक पार्थ के पिता मोहित की बात टेलीफोन पर प्रदेश के सीएम मनोहर लाल खट्टर से करवाई। व्यथित पिता ने सीएम से न्याय दिलाने की गुहार लगायी। सीएम ने उन्हें न्याय का आश्वासन दिया। सीएम से बात करने के बाद परिजना पोस्टमार्टम के लिए तैयार हो गये और फैसला लिया गया कि पार्थ का पोस्टमार्टम करके दो जगह विसरा भेजा जायेगा। एक तो सरकारी लैब से रिपोर्ट मंगवायी जायेगी और दूसरा निजी स्तर पर भी जांच करवाकर पार्थ की मौत का कारण जाना जायेगा। परिजनों का साथ न्याय की मांग कर रहे पार्षद अमित ग्रोवर ने कहा कि मान अस्पताल में बच्चे की फाइल लेने गये तो वहां कुछ ऐसी दवाइयां मिली जो बिना एनिस्थिशियट के प्रयोग नहीं की जा सकती। इसकी भी पूरी जांच होनी चाहिए।

बच्चे की लाश की हालत खराब होने पर किया संस्कार
पोस्टमार्टम के बाद एक बारो तो परिजन बच्चे का अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार हो गये लेकिन बच्चे की दादी ने साफ कह दिया कि जब तक उनके बच्चे की मौत के आरोपी चिकित्सक को गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता तब तक बच्चे का अंतिम संस्कार नहीं किया जायेगा। मगर बच्चे की लाश की हालत खराब होने के चलते परिजनों ने बच्चे के अंतिम संस्कार का मन बना लिया।
 


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Isha

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