हरियाणा में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सीएम की नई पहल, देसी गाय पर 25 हजार सब्सिडी

punjabkesari.in Sunday, Jun 26, 2022 - 09:29 PM (IST)

करनाल : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत बनाने की कड़ी में एक ओर पहल करते हुए प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए देसी गाय की खरीद पर 25 हजार रूपये तक की सब्सिडी देने व प्राकृतिक खेती के लिए जीवामृत का घोल तैयार करने के लिए चार बड़े ड्रम किसानों को निशुल्क देने की घोषणा की। ऐसा करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य होगा।

सीएम खट्टर ने कहा कि प्राकृतिक खेती का मूल उद्देश्य खान-पान को बदलना है। प्राकृतिक खेती ही इसका एकमात्र रास्ता है। प्रदेश के 50 हजार एकड़ भूमि में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा गया है। लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए हर खंड स्तर पर एक प्रदर्शनी खेत में प्राकृतिक खेती करवाई जाएगी। मुख्यमंत्री आज करनाल के डॉ० मंगलसैन ऑडोटोरियम हॉल में प्राकृतिक खेती पर आयोजित राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक में मुख्यातिथि के रूप में बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने 20-22 कृषि विशेषज्ञों से सीधा संवाद किया और प्राकृतिक खेती को बढ़ाने के टिप्स दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वेच्छा से प्राकृतिक खेती अपनाने वाले पोर्टल पर रजिस्ट्रड 2 से 5 एकड़ भूमि वाले किसानों को देसी गाय खरीद के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार की कृषि तकनीक प्रबंधन एजेंसी(आत्मा) से जुड़े तकनीकी सहायक प्रबंधक, ब्लॉक तकनीकी सहायक प्रबंधक व उपस्थित किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कृषि विभाग की आत्मा योजना सही मायने में रासायनिक खादों के अंधाधुंध उपयोगों से हमारे खेतों में पैदा हो रहे जहरीले खाद्यानों को ठीक करने के लिए एक आवाज है। उन्होंने कहा कि सिक्कम देश का पहला राज्य है जो पूरी तरह से प्राकृतिक खेती पर आ गया है। हिमाचल प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश में भी काफी कार्य हो रहा है। अब हरियाणा सरकार नई पहल करते हुए देसी गाय की खरीद पर सब्सिडी देने का कार्य करेगी। 

उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि किसान अब प्राकृतिक खेती को समझने लगे है और कृषि विभाग द्वारा बनाए गए पोर्टल पर अब तक प्रदेश के 1253 किसानों ने स्वेच्छा से प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए पंजीकरण करवाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समय था जब 1960 के दशक में देश में खाद्यानों की कमी हो गई थी। इसके लिए हरित क्रांति का आह्वान किया गया, जिसके चलते अंधाधुंध रासायनिक खादों का उपयोग हुआ और देश में अनाज के उत्पादन की कमी नहीं रही। अब रासायनिक खादों के प्रयोग से खेत भी जहरीले हो गए है और खाद्यानों का उत्पादन भी जहरीला हो गया है। हमें संकल्प लेना चाहिए कि ना तो जहर बोएंगे और ना ही जहर खांएगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का विषय मन को छूने वाला है। वित्त मंत्री के रूप में जब वे विभिन्न विभागोंं के बजट की समीक्षा करते है तो कहीं ना कहीं स्वास्थ्य विभाग के बजट आबंटन के समय उनकी सोच बदल जाती है और वे चाहते है कि अगर हमारा खान-पान ठीक होगा तो स्वास्थ्य विभाग को इंफ्रास्ट्रक्चर व अन्य दवाईयों के लिए ज्यादा बजट की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि अगर हम बीमार होते है तो औषधी लेने जाते है और अब प्राकृतिक खेती स्वास्थ्य के विकल्प के रूप में हमारे पास है, उसे जीवन में अपनाना है। प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए केन्द्र से जो बजट मिलेगा, उससे ज्यादा हरियाणा सरकार भी देगी। 

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Content Writer

Manisha rana

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