बस की छत पर सफर करने को मजबूर कॉलेज की छात्राएं, ऐसे में ''कैसे पढ़ेगा इंडिया कैसे बढ़ेगा इंडिया''
punjabkesari.in Wednesday, Nov 17, 2021 - 12:53 PM (IST)
फतेहाबाद (रमेश भट्ट) : बेटियों को पढ़ाने, उन्हें आगे लाने और उन्हें पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं। मगर लगता है कि सरकार अति उत्साह में मूलभूत सुविधाएं ही देना भूल गई है। यह मामला फतेहाबाद के रतिया का है, जहां कॉलेज और स्कूल पड़ने जाने वाली छात्राओं को रोज़ ऐसी जद्दोजहद करनी पड़ती है। उन्हें अपनी जान पर खेलकर पढ़ने जाना पड़ता है। ऐसा नहीं है कि प्रशासन को इस बात का पता नहीं है। छात्राएं कई बार प्रदर्शन कर चुकी हैं तथा प्रशासन को अपना मांग पत्र भी दे चुकी हैं। मगर हालात अभी तक वैसे के वैसे ही हैं।
छात्र नेता रवि कुमार ने बताया कि बसों की समस्या के लेकर वह कई बार अधिकारियों के दरवाजे खटखटा चुके है, मगर अभी तक कोई हल निकला। उन्होंने कहा कि प्रशासन शायद किसी बड़े हादसे का इंतज़ार कर रहा है। छात्र नेता ने सवाल किया कि एक तरफ सरकार बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ की बात करती है। वहीं दूसरी तरफ बेटियों की उन्हें कोई परवाह तक नहीं है। उन्होंने सुबह और शाम के समय बसों की संख्या बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि स्कूल और कॉलेज के लगने और छुट्टी के समय अतिरिक्त बसे चलाई जाएं ताकि पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को परेशानी न उठानी पड़े। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई हादसा हुआ तो इसकी पूरी जिम्मेदारी रोडवेज विभाग की होगी।
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