भविष्य में बनने वाले सामुदायिक केंद्रों का नाम भी वीर शहीदों के नाम पर रखा जायेगा- गुप्ता

punjabkesari.in Saturday, Jun 11, 2022 - 06:22 PM (IST)

चंडीगढ़(धरणी): पंचकूला हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने लोगों से देश की आजादी, एकता और अखंडता को बनाये रखने व देश को विकास और उन्नति के मार्ग पर आगे लें जाने का आह्वान करते हुये कहा कि आज देश को ऐसे वीरों की आवश्यकता है जो देश को तोड़ने वाली ताकतो का उसी प्रकार डटकर मुकाबला करें, जैसे हमारे वीर क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानियों ने किया था।

ज्ञानचंद गुप्ता आज पंडित रामप्रसाद बिस्मिल की जयंती के अवसर पर माता मनसा देवी काम्प्लैक्स सेक्टर-5 के सामुदायिक केंद्र में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर श्री गुप्ता ने पंडित रामप्रसाद बिस्मिल के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें  नमन किया । उन्होंने कहा आज से  सेक्टर-5 स्थित सामुदायिक केंद्र पंडित रामप्रसाद बिस्मिल सामुदायिक केंद्र के नाम से जाना जायेगा।

’’शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर वर्ष मेले, वतन पर मिटने वालो का यही बाकी निशां होगा’’* से अपने उद्बोधन की शुरूआत करते हुये गुप्ता ने कहा कि आज देश को तोड़ने के लिये बहुत सी ताकते लगी हुई है। उन्होंने कहा कि हमें देश को इतना शक्तिशाली बनाना है कि देश को नुकसान पंहुचाने वाली कोई भी ताकत भारत की तरफ आंख उठाकर भी ना देश सकें। उन्होंने कहा कि असंख्य क्रांतिकारियों ने देश को आजाद करवाने के लिये अपनी कुर्बानी दी हैं और यह हम सबका कत्र्तव्य है कि हम देश की एकता व अंखडता को बनाये रखें।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हमने तय किया है कि पंचकूला के प्रत्येक सामुदायिक केंद्र का नाम किसी एक वीर क्रांतिकारी/स्वतंत्रता सेनानी के नाम पर रखा जायेंगा। उन्होंने कहा कि इसके साथ साथ भविष्य में बनने वाले सामुदायिक केंद्रों का नाम भी वीर शहीदों के नाम पर रखा जायेगा ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियां देश की आजादी के लिये अपने प्राण न्यौछावर करने वाले वीर क्रांतिकारियों के बारे में जान सके और उनके जीवन से प्रेरणा लें सके। उन्होंने कहा कि हमें बच्चों को बताने की आवश्यकता है कि आज हम जिस खुली हवा में सांस लें रहे है, उसके लिये देश के वीर शहीदों ने बहुत बड़ी कीमत चुकायी है। उन्होंने कहा कि आज सब मिलकर संकल्प लें कि हम जीयेंगे तो देश के लिये और मरेंगे तो देश के लिये।

गुप्ता ने कहा कि पंडित राम प्रसाद बिस्मिल का जन्म 125 वर्ष पूर्व आज ही के दिन 1897 में हुआ था और मात्र 30 वर्ष की आयु में सन 1927 में उन्हें फांसी दें दी गई थी। उनका कसूर केवल इतना था कि वे भारतवर्ष को आजाद देखना चाहते थे। उन्होंने कहा कि पंडित रामप्रसाद बिस्मिल अंग्रेजों के भारतीयों के प्रति व्यवहार और देश को क्षेत्रवाद और जातिवाद के नाम पर तोड़ने के लिये अपनाये जा रहे हथकंडो से आहत थे । पंडित रामप्रसाद बिस्मिल और ऐसे ही अंसख्य क्रांतिकारियों ने प्रण लिया कि वे देश को अंग्रेजो के चुंगुल से छुड़ाकर ही चैन लेंगे। उन्होंने कहा कि भारत के वीर क्रांतिकारियों ने देश की आजादी के संघर्ष में अनेक यातनायें सही। भारत माता की जय और वंदे मात्रम के नारे लगाने वालो को काला पानी की सजा दी जाती थी और जेलो में डाल दिया जाता था परंतु फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी। गुप्ता ने कहा कि शहीद भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू व करतार सिंह सराबा जैसे अनेक क्रांतिकारियों ने देश को आजाद करवाने के लिये अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। वे खुद तो आजादी की हवा में सांस नहीं लें पाये परंतु उनकी कुबार्नियों का ही नतीजा है कि आज हम सब आजादी की खुली हवा में सांस लें रहे है।

इस अवसर पर नगर निगम के अधीक्षक अभियंता विजय गोयल, पार्षद सुरेश वर्मा और नरेंद्र लुबाना, साहित्यकार और लेखक एमएम जुनेजा, जगदीश भगत सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

 

 


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Content Writer

Vivek Rai

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