इस फॉर्मूले के तहत कांग्रेस देगी टिकट !, गैर जाट प्रत्याशियों का बढ़ेगा कोटा...मौजूदा विधायकों की उम्मीदवारी पर भी खतरा

punjabkesari.in Monday, Aug 26, 2024 - 06:19 PM (IST)

चंडीगढ़ः हरियाणा में कांग्रेस पार्टी एक्टिव मोड में है। लोकसभा चुनाव की नतीजों और प्रदेश सियासी हवा को भापते हुए, इस बार कोटा सिस्टम खत्म करके टिकट वितरण में सोशल इंजिनियरिंग करने वाली है। कांग्रेस ने इस बार भाजपा की तरह गैर जाट पॉलिटिक्स के तहत सत्ता पर काबिज होने का प्लान तैयार किया है। यही वजह है कि इस बार उम्मीदवारों की लिस्ट में जाट प्रत्याशियों की संख्या में कमी देखने को  मिल सकती है। इसके अलावा 2019 में जमानत नहीं बचा पाने वाले व लगातार 2 बार हार चुके प्रत्याशियों को टिकट नहीं दिए जाएंगे।  इसके साथ ही गैर जाट समुदाय से ब्राह्मण, पंजाबी, वैश्य और राजपूत के खाते में अधिक टिकट आएंगे। ।

इस फॉर्मूले से कटेंगे टिकट

गौरतलब है कि 2019 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों के 27 हलको में जमानत जब्त हो गई थी। इसके अलावा 15 प्रत्याशियों के नाम लगातर 2 हार दर्ज है। इनमें से कई के नाम दोनों रिकार्ड दर्ज हैं। 90 विधानसभा में 27 सीटों पर जमानत जब्द होना कांग्रेस जैसी पार्टी के लिए बड़ी हार है। इसी कारण 5 साल विपक्ष में रहने के बावजूद कांग्रेस सत्ता से दूर हो गई। इसका दूसरा सबसे बड़ा कारण टिकट वितरण में कोटा सिस्टम और जिलास्तर पर संगठन का न होना भी है।

जाट प्रत्याशियों की संख्या में होगी कमी

लोकसभा चुनाव के तर्ज पर विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस के टिकट वितरण में सोशल इंजिनियरिंग का मुजायरा दिख सकता है। इस बार 10 में से मात्र 2 जाट प्रत्याशियों को कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में टिकट दिया था। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बार विधानसभा में जाट प्रत्याशियों की संख्या 28-30 से घटकर 18-20 हो सकती है। इससे पहले कांग्रेस पार्टी जाट वोटों पर ज्यादा निर्भर रहती थी। लेकिन अब कांग्रेस ने रणनीति बदल ली है। वहीं बता दें कि इस बार 17 प्रत्याशी सभी पार्टियों से अनुसूचित जाति के होंगे। क्योंकि 17 विधानसभा सीटें आरक्षित हैं।  

73 सीटों पर कर रही फोकस
कांग्रेस 73 सीटों को लेकर अपना गणित सैट करने में जुटी है। अभी तक के मंथन में ये बात सामने आई है कि पिछड़ा वर्ग-बी के अलावा बीसी-ए के अंतर्गत आने वाली जातियों को इस बार टिकट आवंटन में पहले से अधिक तवज्जो मिल सकती है। इसके लिए ब्राह्मण, पंजाबी, वैश्य और राजूपत कोटे में इजाफा संभव है।

 मौजूदा विधायकों के भी कट सकते हैं टिकट

कांग्रेस में आमतौर पर जीते हुए प्रत्याशियों का टिकट रिपीट होता है। इसके तहत टिकट की सूची में मौजूदा विधायकों व बड़े चेहरों को तरजीह दी जाती है, लेकिन इस बार यह फॉर्मूला भी बदलने वाला है। क्योंकि इस फॉर्मूले से भी कांग्रेस को फायदा होने की जगह नुकसान ही हुआ है। इस लिए संभव है कि हरियाणा में कांग्रेस के मौजूदा कम से कम 10 विधायकों का टिकट कट सकता है। 

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Content Editor

Saurabh Pal

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