कांग्रेस दलितों के लिए कैंसर जैसी बीमारी, भाजपा शासन में सुरक्षा : सुदेश कटारिया

punjabkesari.in Saturday, Jul 27, 2024 - 05:18 PM (IST)

 चंडीगढ़(चंद्रशेखऱ धरणी): दलितों को अत्याचार वाला शासन चाहिए या फिर सुशासन? दलितों को पर्ची व खर्ची या फिर मेरिट व योग्यता के आधार पर नौकरी चाहिए। दलितों को दबंगों की दंबगई चाहिए या फिर उनके हकों की पैरवी करने वाली सरकार। यह सवाल मुख्यमंत्री के चीफ मीडिया को-आर्डिनेटर सुदेश कटारिया ने रेवाड़ी में महावर धर्मशाला में आयोजित दलित सम्मेलन में दलितों से पूछे। दलितों ने एक सुर में सुशासन और उन्हें सम्मान देने वाली सरकार का साथ देने का संकल्प लिया। सम्मेलन में जिला परिषद महेंद्रगढ़ के चेयरमैन डॉ. राकेश प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।

कार्यक्रम में पहुंचने पर दलित सभाओं के प्रतिनिधियों द्वारा मुख्यातिथि सुदेश कटारिया को फूल-मालाएं पहनाकर स्वागत किया। सम्मेलन में दलितों ने संकल्प लिया कि आगामी विधानसभा चुनावों में वोट की चोट से कांग्रेस से न केवल संविधान का अपमान का बदला लिया जाएगा, बल्कि प्रदेश में तीसरी बार भाजपा की हैट्रिक लगाएंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस दलितों के लिए कैंसर जैसी बीमारी है, इस बीमारी को जड़ से नाश करने के लिए दलितों को एकजुट होना होगा और आगामी विधानसभा चुनावों में दलितों को सुशासन और सम्मान के हित में वोट करना होगा। 


दलित सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री के चीफ मीडिया को-आर्डिनेटर सुदेश कटारिया ने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साढ़े 9 साल के कार्यकाल में दलितों के हितों में करवाए गए कार्यों को गिनाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 10 साल में दलितों को अत्याचार और दबंगई का सामना करना पड़ता था। मनोहर लाल ने उनकी पीड़ा को समझते हुए अनुसूचित आयोग का गठन किया, अब प्रदेश में किसी भी दलित को भेदभाव या फिर दंबगई का सामना नहीं करना पड़ता था। उन्होंने कांग्रेस पर बरसते हुए कहा कि दलितों को हमेशा वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किया गया, लेकिन कभी दलितों के सम्मान के लिए कार्य नहीं किया। दलित कर्मी लंबे समय से पदोन्नति में आरक्षण की लड़ाई लड़ रहे थे। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उनकी इस मांग को पूरा किया। इसके साथ ही सफाई आयोग के साथ दलितों के होनहार और पढ़े-लिखे युवाओं को मेरिट और योग्यता के आधार पर नौकरी मिली। उन्होंने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में कभी सोचा भी नहीं जा सकता था कि दलित युवक बिना किसी पर्ची व खर्ची के प्रथम श्रेणी यानी एचसीएस के पद पर चयनित होगा। मनोहर लाल ने पर्ची व खर्ची की परिपाटी को बदलते हुए मिशन मेरिट पर नौकरी दी, जिससे दलितों के साथ हर वर्ग के होनहार युवाओं को नौकरी मिली। इस अवसर पर दलित सभाओं व संगठनों के प्रतिनिधि व सदस्यगण मौजूद रहे।

कांग्रेस राज में दलितों ने सही दंबगई व अत्याचार 
मुख्यमंत्री के चीफ मीडिया को-आर्डिनेटर सुदेश कटारिया ने कांग्रेस पर बरसते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में दलितों न केवल दंबगई व अत्याचार सहे। कांग्रेस को भाजपा से हिसाब से मांगने से पहले उनके 10 साल के कार्यकाल में दलितों पर हुए अत्याचार का हिसाब देना चाहिए। कांग्रेस शासन काल के दौरान 2005 का गोहाना कांड, 2006 का महमूदपुर कांड और 2010 में हुआ मिर्चपुर कांड की दशहत आज भी हरियाणा के दलितों के मन से नहीं निकल पाई है। कांग्रेस को हिसाब देना चाहिए कि उनके राज में दलितों पर अत्याचार करने के साथ उनके घरों को जलाया जाता था। कांग्रेस का खुद का हिसाब-किताब बिगड़ा हुआ है और वह भाजपा से हिसाब मांग रही है।

संविधान बदलने के नाम पर कांग्रेस ने दलितों को किया भ्रमित 
सुदेश कटारिया ने कहा कि अभी हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने संविधान बदलने के नाम पर दलितों को भ्रमित किया। मगर सच्चाई यह है कि कांग्रेस ने हमेशा संविधान का अपमान किया। संविधान निर्माता और दलितों के मसीहा डॉ. भीमराव अंबेडकर के बाद राजनीतिक संत मनोहर लाल ने दलितों के हितों को सम्मान देने का काम किया। उन्होंने न केवल दलित महापुरुषों की जयंती सरकारी तौर पर मनाने का फैसला लिया, बल्कि दलितों का मान-सम्मान भी बढ़ाया। राजनीतिक हिस्सेदारी से लेकर पार्टी में दायित्व देने में दलितों को कभी नजरअंदाज नहीं किया। मनोहर लाल ने उन जैसे साधारण से कार्यकर्ता को दलितों की आवाज बुलंद करने का जिम्मा सौंपा तो देश की सबसे बड़ी पंचायत में राज्यसभा सांसद कृष्ण पंवार उनकी पैरवी कर रहे हैं। इसके साथ भाजपा में दलित कृष्ण बेदी को पार्टी का महामंत्री नियुक्त किया गया है।

 


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Content Writer

Isha

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