जलभराव हो, या जाम लगे, चुप्पी साध लेते हैं गुड़गांव के अधिकारी और नेता : पंकज डावर

punjabkesari.in Friday, Sep 23, 2022 - 06:54 PM (IST)

गुड़गांव, (ब्यूरो): इस साल मानसून के दौरान गुड़गांव में बारिश नहीं हुई थी। धीरे-धीरे अब बरसात का मौसम खत्म हो रहा था, लेकिन अचानक वीरवार से शुरू हुई बारिश ने पूरे गुड़गांव को समस्याओं में जकड़ दिया। आखिर ऐसा क्यों होता है जब भी 2-4 घंटे अधिक बारिश होती है, पूरा गुड़गांव जलमग्न हो जाता है। बिजली व्यवस्था ठप हो जाती है। ट्रैफिक व्यवस्था क्यों खराब हो जाती है। क्या इन सवालों का जवाब कोई अधिकारी या स्थानीय नेता देगा? यह सवाल कांग्रेसी नेता पंकज डावर ने गुरुग्राम के स्थानीय नेताओं और स्थानीय प्रशासन से किए हैं।

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पंकज डावर ने कहा कि वीरवार को दिन भर बारिश हुई अधिकारियों को अंदाजा नहीं था कि,बारिश इतनी अधिक होगी कि पूरा गुड़गांव जलमग्न हो जाएगा। इसलिए ज्यादातर अधिकारी बारिश बंद होने का इंतजार करते रहे, लेकिन देखते ही देखते पूरा गुड़गांव पानी में डूबने लगा, दर्जनों कालोनियों और पाश इलाकों में लोगों के घरों में पानी घुसने लगा। कई बेसमेंट पानी से भर गए, पार्किंग में गाड़ियां डूब गई, आखिर यह सब क्यों हो रहा है। गुड़गांव प्रशासन हर साल जल निकासी की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सैकड़ों करोड़ रुपए पानी की तरह बहा रहा है बावजूद इसके जब भी बरसात होती है प्रशासन द्वारा खर्च किया गया करोड़ों रुपया उसी पानी में बह जाता है।


पंकज डावर ने कहा कि गुड़गांव में जब भी बड़ी बरसात होती है सिर्फ जलभराव की समस्या नहीं होती। बरसात के साथ-साथ बिजली कटौती और ट्रैफिक व्यवस्था सबसे ज्यादा खराब होती है, लेकिन इन खराब व्यवस्थाओं पर न तो यहां के स्थानीय नेता अपनी जवाबदेही करते करते हैं और न ही अधिकारी कुछ बोलते हैं। दरअसल इस सरकार में न तो यहां के अधिकारियों को किसी का डर है और न ही नेताओं को। जिस कारण आम जनता को ऐसी खराब व्यवस्था में जीने को मजबूर होना पड़ रहा है। स्थानीय प्रशासन और स्थानीय नेता अपनी जवाबदेही तय करते हुए जनता को जवाब दे, आखिर किस कारण शहर में जल भराव हुआ और पूरे दिन और देर रात तक लोगों को बिजली कटौती की समस्या से जूझना पड़ा। साथ ही यह भी बताएं कि भाजपा की सरकार में बीते 8 सालों के दौरान जल निकासी की व्यवस्था में जो जनता का पैसा खर्च किया गया उससे जनता को कितना लाभ मिला है।
 


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Content Writer

Pawan Kumar Sethi

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