नए साल पर नई चिट्ठी पर हरियाणा में कांग्रेस को मिलेगा सीएलपी लीडर- प्रदीप नरवाल
punjabkesari.in Tuesday, Dec 31, 2024 - 10:11 PM (IST)
चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बाद से कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष को लेकर चल रही असमंजस आने वाले नए साल में खत्म हो सकती है। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और हरियाणा में प्रियंका गांधी की कोर टीम के एकमात्र सदस्य प्रदीप नरवाल ने एक खास बातचीत में इसका इशारा किया। नरवाल ने कहा कि कांग्रेस में सीएलपी लीडर चुनने की एक प्रक्रिया है। यह आलाकमान का मसला है और नए साल पर इसे लेकर पार्टी की ओर से नया पत्र जारी होगा। उन्होंने इशारा किया कि इस बार हरियाणा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में पार्टी को जल्दी चेहरा भी मिल सकता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पूरी मजबूती और ताकत के साथ आगे बढ़ रही है। आज एक बार फिर से किसान धरने पर हैं और कांग्रेस हर मोर्चे पर उनके साथ खड़ी है।
जातिगत जनगणना कराए बीजेपी
नरवाल ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि हरियाणा में बीजेपी ने एससी-ए को राजनीतिक मंशा से लागू किया। यदि बीजेपी सही में पिछड़े और दलित की हितैषी है तो उसे जातिगत जनगणना करवाकर इस पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। हरियाणा में बीजेपी की ओर से फैमली आईडी के पैटर्न पर योजनाएं लाई जाती है, जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है। पिछले सालों के दौरान हरियाणा में भाजपा ने एचकेआरएन में अनेक भर्तियां की है। इस पर सरकार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए, कि एससी वर्ग में किस जाति के व्यक्ति को कितनी नौकरियां दी गई। पिछले 5 से 10 साल में बीजेपी ने जितना रिजर्वेशन को मारने का काम किया। साथ ही बाबा साहब के संविधान को भी बीजेपी ने जितना कुचला है, कुच दिन पहले संसद में अमित शाह ने बाबा साहब का नाम ऐसे लिया कि पूरे देश में उनके खिलाफ एक विरोध का स्वर उठा था।
जातिय-क्षेत्रीय राजनीति से बाहर आना होगा
हरियाणा में होनै वाली जातिय और क्षेत्रीय राजनीति को लेकर प्रदीप नरवाल ने कहा कि हरियाणा को आज इससे बाहर निकलना पड़ेगा। जिनका कोई राजनीतिक अस्तित्व नहीं है, उन्हें भी राजनीति करने का पूरा हक है। वह तो खुद प्रियंका और राहुल गांधी की अंगुली पकड़कर राजनीति में आए। हरियाणा में दीपेंद्र हुड्डा ने बड़े भाई की तरह से उनका साथ दिया। इसलिए आम घरों के बच्चों को भी राजनीति में आना चाहिए। इसलिए गरीब बच्चों को राजनीति में आने के लिए राजनीतिक दलों को भी रास्ते खोलने चाहिए। राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस इस काम को पहले से ही अंजाम दे रही है। साथ ही किसी भी गरीब घर का बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रहना चाहिए। इसके लिए भाजपा सरकार को चाहिए कि वह हर यूनिवर्सिटी में यह सुनिश्चित करे कि किसी भी समेस्टर की फीस 200 या 300 रुपए से ज्यादा ना हो। सरकार को इस पर अधिक ध्यान देना चाहिए।
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