किसानों को पूरी तरह बर्बाद करने की साजिश है तेल की कीमतों में बढ़ोतरी : हुड्डा
punjabkesari.in Monday, Jun 29, 2020 - 11:52 AM (IST)
चंडीगढ़ (बंसल) : पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 21 दिन से लगातार बढ़ रहे तेल के दामों को किसान व आम आदमी के खिलाफ साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि किसानों का ज्यादातर काम डीजल पर निर्भर है लेकिन सरकार डीजल को पैट्रोल से भी मंहगा करने की योजना पर आगे बढ़ रही है। साफ है कि सरकार किसानों को खत्म करना चाहती है। लॉकडाउन में ही लगभग 19 रुपए प्रति लीटर डीजल का दाम बढ़ा है। खेती की लागत और मंहगाई दर पर इसका क्या असर हुआ है, इसका पता चलने में समय लगेगा।
भाजपा सरकार 2022 तक किसानों की आय डबल करने का दावा कर रही थी, लगता है कि सरकार किसान की लागत डबल करने की योजना पर काम कर रही है। डीजल के लगातार बढ़ते दाम के बीच धान का सरकारी रेट सिर्फ 53 पैसे प्रति किलो बढ़ा है, जबकि 2 साल के गन्ने के रेट में एक रुपए का भी इजाफा नहीं किया गया। बुआई, कटाई. कढ़ाई और ढुलाई जैसी लागतें बढ़ती जा रही है। इस तरह 2022 तक कैसे दोगुनी हो पाएगी किसानों की आय? देश में पैट्रोल-डीजल के दाम में 6 जून से चल रहा इजाफा लगातार 22वें दिन भी जारी है। कृषि अर्थशास्त्री बताते है कि कृषि बहुल प्रदेशों पर 6 से 28 जून तक 22 दिन की बढ़ोत्तरी पर कृषि लागत में कम से कम 2000 रुपए प्रति एकड़ बढ़ने का अनुमान है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पिछले खरीफ सीजन के दौरान रोटावेटर से लेवल करने का खर्च प्रति एकड़ 1320 रुपए था। एक साल यानी 2020 में यह बढ़कर 2080 रुपए प्रति एकड़ हो गया है । डीडल इंजन पंपिग सैट से पानी चलाने का रेट पिछले साल 150 रुपए प्रति घंटा था, जो अब बढ़कर 220 रुपए हो गया है। इसकी बड़ी वजह डीजल का बढ़ता दाम है।