राज्य फार्मेसी काऊंसिल में लंबे समय से चल रहा था भ्रष्टाचार, विजिलैंस ने मारा छापा

punjabkesari.in Tuesday, Jul 05, 2022 - 10:07 AM (IST)

हिसार : हरियाणा राज्य फार्मेसी काऊंसिल में भ्रष्टाचार का खेल लम्बे समय से चल रहा था। बिना रुपए दिए किसी का काम होता ही नहीं था। विजिलैंस ने आरोपी प्रधान धनेश अदलखा और रजिस्ट्रार राजकुमार की तलाश में सोमवार को यमुनानगर व फरीदाबाद में छापे मारे, मगर वे हाथ नहीं लगे। दोनों आरोपियों के मोबाइल फोन बंद आ रहे हंै। जांच में सामने आया कि दोनों प्रदेश से बाहर जाकर भूमिगत हो गए हैं।

हरियाणा राज्य फार्मेसी काऊंसिल में भ्रष्टाचार मामले में विजिलैंस ने आरोपियों के कई ठिकानों पर दबिश दी। अब तक की जांच में सामने आया कि मामले से जुड़े आरोपियों के दलालों की नजर राज्य के बाहर के डिप्लोमा होल्डर्स पर रहती थी। दलाल अपने जाल में फंसने के बाद उनसे 50 हजार से 1 लाख रुपए तक की रिश्वत लेते थे, जिसे आपस में बांट लेते। वहीं विजिलैंस की टीम पंचकूला दफ्तर का रिकॉर्ड खंगालेगी।  पकड़े गए दोनों आरोपियों को टीम मंगलवार को दोबारा भिवानी की अदालत में पेश करेगी।  

डी.एस.पी. गौरव शर्मा ने बताया कि भागवी गांव के सत्यवान के बेटे ने पंजाब से डी-फार्मेसी की है। उसने मैडीकल स्टोर खोलने का लाइसैंस लेने के लिए साल 2021 में रजिस्ट्रेशन करवाया था। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद लाइसैंस लेने के लिए ऑफलाइन कार्य भी होता है। वह इसके लिए 3-4 महीने से चक्कर काट रहा था। उस समय किसी ने भिवानी के सुभाष अरोड़ा का मोबाइल नंबर देकर कहा कि यह आदमी लाइसैंस बनवा सकता है। उसने संपर्क किया तो सुभाष ने लाइसैंस बनवाने के नाम पर 65 हजार रुपए मांगे। 30 हजार रुपए ऑनलाइन बताए गए खाते में डाल दिए थे और विजिलैंस ने शनिवार को भिवानी में 35 हजार रुपए लेते हुए सुभाष को पकड़ा था। विजिलैंस की टीम पूछताछ के बाद यहां के सैक्टर-13 में आई थी और आरोपी उप प्रधान सोहन लाल कांसल को गिरफ्तार कर भिवानी ले गई थी।
 


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Isha

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