शादी के 28 साल बाद हुई संतान प्राप्ति, अंबाला के इस आयुर्वेदिक अस्पताल में नब्ज देखकर होता है इलाज

punjabkesari.in Friday, May 23, 2025 - 04:48 PM (IST)

अंबाला छावनी: कहते हैं कि भगवान के घर देर जरूर है लेकिन अंधेर नहीं है। आज एक ऐसे अस्पताल के बारे में बताने जा रहे हैं जो नब्ज देखकर और आयुर्वेदिक इलाज करवाकर जोड़े संतान का सुख पा रहे हैं। ये अस्पताल अम्बाला छावनी के सराफा बाजार में डॉ.के.सी.शर्मा, अमेरिकन अस्पताल है। 

यहां पर दूर दूर से लोग अपना इलाज करवाने के लिए आ रहे हैं। आज कल संतान प्राप्ति के लिए लोग ना जाने कहां-कहां भटक रहे हैं। इतना ही नहीं, लोग लाखों रुपये तक खर्च कर देते हैं लेकिन फिर भी वे संतान सुख को तरस जाते हैं। अंबाला छावनी के इस आयुर्वेदिक अस्पताल से कोई भी निराश नहीं लौटा है।  भले ही सुनने में आपको ये चमत्कार लगे। 

ऐसा ही एक इलाज के कराने आए एक जोड़े ने बताया कि शादी के 28 साल बाद भगवान ने अपनी लीला दिखाई और हमें सन्तान की प्राप्त हुई। हमने 6 बार आईवीएफ और 10 बार आईयूआई कराने के बावजूद भी जब संतान न हुई तो हमने नब्ज दिखाकर डॉ.के.सी.शर्मा, अमेरिकन अस्पताल,सराफा बाज़ार ,अम्बाला छावनी से अपना आयुर्वेदिक इलाज कराया और 28 साल के बाद संतान की प्राप्ति हुई। 

जोड़े ने बताया कि इससे पहले हमने अपना इलाज पालमपुर, शिमला, जालंधर, लुधियाना, अमृतसर के मशहूर हॉस्पिटलों से और एम्स हॉस्पिटल दिल्ली, पीजीआई हॉस्पिटल चंडीगढ़ से करवाया था। परंतु लाखों रुपये खर्च कर भी निराशा ही हाथ लगी। लेकिन हमने हिम्मत नहीं हारी। एक दिन दिल्ली में रहने वाले मित्र ने बताया कि उसको भी शादी के 31 साल बाद बच्चे की प्राप्ति डॉ. के.सी.शर्मा अमेरिकन हॉस्पिटल सराफा बाजार अम्बाला छावनी को नब्ज दिखा कर आयुर्वेदिक इलाज करवा कर हुई थी। 

पति उम्र 58 वर्ष के शुक्राणु निल और सैक्स कमजोरी थी। पत्नी उम्र 55 वर्ष को हार्मोन ठीक न होने के कारण पीरियड आगे-पीछे, दर्द मारकर कभी ज्यादा कभी कम आते थे। बच्चेदानी में गांठ- रसौली, ए.एम.एच कम, फाइब्रॉइड और ओवरी में सिस्ट थे, अंडा-ओवम नहीं बनता था। पीसीओडी था। कई-कई महीने पीरियड नहीं आता था। 

उसने सलाह दी कि अमेरिकन अस्पताल, सराफा बाजार अम्बाला छावनी से आयुर्वेदिक इलाज करवाये क्योंकि उसको भी वहीं से संतान की प्राप्ति हुई थी। अमेरिकन हॉस्पिटल में नब्ज दिखा कर आयुर्वेदिक इलाज करवा कर कई स्त्रियों को 25 साल से रुकी माहवारी भी आ चुकी है और कई नि:सन्तान स्त्रियों की गोद भर चुकी है। भगवान कब भाग्य बदल दे कुछ नही सकते पर हिम्मत ना हारो।

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Content Editor

Deepak Kumar

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