गौतस्करों ने गौरक्षकों की 2 गाडिय़ां तोड़ी, 5 गायों और टाटा को छोड़कर हुए फरार
punjabkesari.in Saturday, Jan 22, 2022 - 08:42 AM (IST)
भिवानी : जिले में गौतस्करी का मामला रूकने का नाम नहीं ले रहा। इसी कड़ी में बवानीखेड़ा ब्लॉक के एक गांव में 13 जनवरी को एक टाटा 407 वाहन में गायों की तस्करी की सूचना मिलने पर जब गौरक्षकों ने उस वाहन को घेरा तो वाहन चालक अपने वाहन को 5 गायों सहित छोड़कर फरार हो गया। मगर उससे पहले वह गौरक्षकों के 2 वाहनों को क्षतिग्रस्त कर चुका था। इसके बावजूद बवानीखेड़ा पुलिस ने आज तक कोई केस दर्ज नहीं किया है। इस बारे में गोरक्षा दल के प्रधान संजय परमार ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि 11 जनवरी को बवानीखेड़ा क्षेत्र के एक गांव से गांव के लोगों की मदद से गायों को मेवात भेजने के लिए भरा जाएगा। इस सूचना पर उन्होंने भिवानी सी.आई.ए.-2 के प्रभारी नरेंद्र राणा से संपर्क किया तो वे भी रात के समय वहां आ गए।
अगले दिन गाय भरी तो पुलिस नहीं आई
संजय परमार ने बताया कि 13 जनवरी को तस्करों ने एक टाटा 407 में 5 गायों को भरा और इसकी जानकारी मिलने पर उन्होंने उसका पीछा किया तो तस्करों ने पहले उनके 2 वाहनों को क्षतिग्रस्त किया और बाद में 5 गायों से भरी अपनी टाटा 407 को छोड़कर फरार हो गए। हालांकि उन्होंने ऐसा करने से पहले सी.आई.ए.-2 को सूचना दी, लेकिन इंचार्ज ने फोन ही रिसीव नहीं किया। वहीं वे उस समय वैष्णो देवी गए हुए थे।
पुलिस ने नहीं की कोई कार्रवाई
संजय परमार ने बताया कि उनकी टीम के एक सदस्य को उस मामले में गहरी चोट आई और उसे रोहतक पी.जी.आई. में भर्ती कराना पड़ा। इसके बावजूद बवानीखेड़ा थाना पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई तो क्या प्राथमिकी तक दर्ज नहीं की। इसी बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने इस मामले में शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत से बात की। उन्होंने उनको आश्वासन दिया है कि इस मामले में जिसने गलती की या कोताही बरती उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
ये बोले थाना प्रभारी
इस बारे में बवानीखेड़ा थाना प्रभारी हरिओम ने बताया कि पहले गौरक्षा दल के सदस्यों ने पहले किसी को अवगत नहीं कराया। इसलिए गांव के लोगों ने शक के चलते जाने अनजाने में वाहन के शीशे तोड़ दिए। इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से शिकायतें आई हैं। इसमें शनिवार को दोनों पक्ष तलब किए हैं। उसमें जो होगा उसके आधार पर कार्रवाई कर दी जाएगी। मगर गौतस्करों को शायद इस बारे में पता चल गया और उन्होंने उस रात वह काम नहीं किया। इसके बाद उन्होंने 12 जनवरी को भी वहां अपनी फील्डिंग लगाई, लेकिन उन्होंने उस रात भी गायों को नहीं भरा।
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