अब बीमारी से फसल नहीं होगी खराब, NIT की इस टीम ने किया कमाल, पढ़ें ये जरूरी पूरी खबर

punjabkesari.in Tuesday, Oct 07, 2025 - 09:59 PM (IST)

कुरुक्षेत्र : किसानों के लिए राहत की खबर है, अब फसलें किसी भी बीमारी से पूरी तरह सुरक्षित रहेंगी। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) कुरुक्षेत्र के प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र कुमार छाबड़ा और उनकी टीम ने एक ऑटोमेटिक फसल रोग पहचान और नियंत्रण प्रणाली विकसित की है, जो बीमारी की शुरुआत में ही उसका पता लगाकर तुरंत इलाज शुरू कर देती है। इस तकनीक को पेटेंट भी मिल चुका है।

यह प्रणाली पूरी तरह से AI, मशीन लर्निंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, इमेज प्रोसेसिंग और मोबाइल एप्लिकेशन पर आधारित है। टीम में प्रो. छाबड़ा के साथ छात्र गौरव, निश्चय चौहान और गर्विता शामिल हैं। सिस्टम खेत में लगाए कैमरों के जरिए पौधों की पत्तियों की तस्वीरें लेता है, जिन्हें कंप्यूटर सिस्टम में विश्लेषित किया जाता है। जैसे ही कोई बीमारी पाई जाती है, किसान के मोबाइल पर तुरंत नोटिफिकेशन भेजा जाता है।

कंप्यूटर सिस्टम में कृषि विशेषज्ञों द्वारा सुझाई गई दवाओं का पूरा डाटाबेस पहले से मौजूद रहता है। सिस्टम यह स्वतः तय करता है कि कौन-सी दवा, कितनी मात्रा में और कितने समय तक छिड़कनी है। किसान मोबाइल एप से एक क्लिक में स्प्रिंकलर को ऑन कर सकता है। यह स्प्रिंकलर निर्धारित मात्रा में दवा का छिड़काव करते हैं, और हर बार हुए स्प्रे का रिकॉर्ड कंप्यूटर में सुरक्षित रहता है।

इस तकनीक से किसानों को बीमारी की पहचान के लिए पत्तियां तोड़कर लैब भेजने या घंटों खेत में जांच करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। शुरुआती चरण में ही बीमारी की पहचान और इलाज होने से फसल नुकसान से बचेगी और उत्पादन बढ़ेगा। साथ ही, किसान मोबाइल से पूरे सिस्टम को कहीं से भी नियंत्रित कर सकेंगे। यह तकनीक खेती में समय, श्रम और लागत तीनों की बचत करते हुए स्मार्ट कृषि की दिशा में बड़ा कदम साबित होगी।

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Content Writer

Yakeen Kumar

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