सावन में किसान के हक के लिए निकली डाक कावड़, युवा बोले- किसान का हक लेकर ही रहेंगे

punjabkesari.in Thursday, Jul 29, 2021 - 12:05 PM (IST)

बहादुरगढ़(प्रवीण धनखड़): कृषि कानूनों को रद्द करवाने की मांग को लेकर एक तरफ जहां किसान पिछले 8 महीने से देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हुए, तो वहीं प्रदेश के युवाओं की ओर से सावन माह में किसानों के हक के लिए डाक कावड़ निकाली जा रही है। प्रदेश के युवा गांव से मिट्टी और पानी लेकर किसान आंदोलन स्थल पर पहुंच रहे हैं। एक तरफ जहां देशभर में हरिद्वार से कावड़ लाने पर रोक लगी हुई है। अब युवाओं ने डाक कावड़ की तर्ज पर ही गांव से मिट्टी और पानी दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों के आंदोलन स्थल तक पहुंचाना शुरू कर दिया है। 

बृहस्पतिवार को जींद जिले के दुर्जनपुर गांव से काफी संख्या में युवा गांव की मिट्टी और पानी लेकर टिकरी बॉर्डर पहुंचे। युवा अपने हाथों में तिरंगा और किसान आंदोलन के झंडे थामे हुए दिखाई दिए। कुछ युवा गाड़ी में सवार थे। तो वहीं बारी बारी से एक-एक कर युवक पैदल दौड़ लगाते हुए भी दिखाई दिये। युवाओं का कहना है की किसान लंबे समय से कृषि कानूनों को रद्द करवाने की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार उनकी मांगें नहीं मान रही। सरकार को युवाओं का जोश दिखाने के लिए वह डाक कावड़ यात्रा निकाल रहे हैं। युवाओं का यह भी कहना है कि जब तक तीन कृषि कानून रद्द नहीं हो जाते तब तक वह वापस घर नहीं जाएंगे। 

बता दें सावन माह में हरिद्वार से गंगा मैया का पवित्र जल लाकर भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करने की परंपरा है। लेकिन कोविड-19 यानी कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इस बार कावड़ यात्रा पर रोक लगाई गई है। ताकि एक जगह भीड़ इकट्ठे ना हो और कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को टाला जा सके। लेकिन प्रदेश के युवाओं ने हरिद्वार जाने की बजाए अबकी बार किसान आंदोलन में शामिल होने का मन बनाया है। किसान आंदोलन में अब तक कई तरह के उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं। लेकिन राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा किसान आंदोलन कब खत्म होगा यह कोई नहीं जानता।

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Isha

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