भ्रष्टाचार मामलों की सीधी जांच नहीं कर पाएंगे DC, अब इनसे लेनी होगी परमिशन

punjabkesari.in Thursday, Aug 21, 2025 - 05:59 PM (IST)

चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार ने भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की जांच प्रक्रिया को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। नए आदेशों के अनुसार, उपायुक्तों और कार्यालय प्रमुखों को अब जांच शुरू करने से पहले मंडलायुक्त (Divisional Commissioner) से स्वीकृति लेनी होगी। निर्देशों के अनुसार मंडलायुक्त को आवेदन प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर अनुमति प्रदान करनी होगी, ताकि जांच में देरी न हो।

हालांकि इस विषय पर केंद्र सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने पहले ही आदेश जारी किए थे, लेकिन कुछ प्रावधानों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। अब राज्य सरकार ने संशोधित निर्देश जारी कर इस पर स्पष्टता दी है।

ग्रुप B, C और D कर्मचारियों पर प्रावधान

नए आदेश में यह भी तय किया गया है कि राज्य के ग्रुप बी, सी और डी कर्मचारियों पर यदि एक करोड़ रुपये तक के भ्रष्टाचार के आरोप लगते हैं, तो उनकी जांच और एफआईआर दर्ज करने का अधिकार सतर्कता विभाग के IG, DIG और SP स्तर के अधिकारियों के पास होगा।

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Content Writer

Yakeen Kumar

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