ये सरकार न किसान की है, न जवान की है, न पहलवान की है…ये सिर्फ धनवान की है : दीपेंद्र हुड्डा

punjabkesari.in Wednesday, Jun 07, 2023 - 04:24 PM (IST)

चंडीगढ़ : सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने बुधवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश के मंदसौर गोलीकांड की छठवीं बरसी पर कल हरियाणा में कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में भाजपा सरकार ने एक बार फिर अपना किसान विरोधी चेहरा दिखाया है। जिस बर्बरता के साथ किसान पर लाठीचार्ज किया गया उससे ब्रिटिश साम्राज्य की क्रूरता की याद आ गयी। इससे स्पष्ट हो चुका है कि ये सरकार न किसान की है न जवान की है न पहलवान की है। ये सरकार सिर्फ धनवान की है। मंडी में किसान की फसल पिट रही है और सड़क पर किसान पिट रहा है, इसको पूरा देश देख रहा है। देश के गांव गांव में मशहूर लाल बहादुर शास्त्री जी द्वारा दिये गये जय जवान, जय किसान के नारे को इस सरकार ने बदल दिया है। अब इस सरकार का नारा है पिटे किसान, जय धनवान। सरकार तानाशाही पर उतर आयी है हरियाणा में तो किसान पर लाठीचार्ज की घटनाएं आम हो गयी हैं।

दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार को चेतावनी दी कि किसान की हाय सरकार को बहुत महंगी पड़ेगी एक एक लाठी का जवाब देना होगा। क्या सरकार ये चाहती है कि किसान फिर से आंदोलन के रास्ते पर आयें। उन्होंने किसानों से अपील करी कि किसान धैर्य रखें अगर ये सरकार एमएसपी की कानूनी गारंटी नहीं देगी तो 2024 में बदलाव आयेगा और कांग्रेस सरकार बनते ही एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग को पूरा करेंगे। उन्होंने कांग्रेस पार्टी की तरफ से मांग करी कि हरियाणा समेत पूरे उत्तर भारत में एमएसपी पर सूरजमुखी की खरीद की जाए। कल किसानों को सरकार ने हिरासत में लिया है उनको रिहा किया जाए। लाठीचार्ज में घायल हुए किसानों को सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी जाए। किसान आंदोलन के समय स्वयं प्रधानमंत्री ने किसानों से एमएसपी कमेटी का वादा किया था उसका ठीक ढंग से क्रियान्वयन करके एमएसपी की कानूनी गारंटी दी जाए। दीपेंद्र हुड्डा ने यह भी कहा कि सरकारी वादाखिलाफी के मुद्दे को संसद में भी पुरजोर ढंग से उठायेंगे।

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उन्होंने कहा कि कल का लाठीचार्ज एमएसपी के मुद्दे पर हुआ। खुद सरकार ने सूरजमुखी का एमएसपी 6400 तय किया गया है। आज निजी खरीददार बाजार में 3500-3800 में सूरजमुखी खरीद रहे। सरकार ने सरकारी खरीद शुरु नहीं की लगातार 5 बार सरकार से बात हुई लेकिन खरीद शुरु नहीं हुई। खरीद शुरु करने की तारीख पर तारीख देती रही सरकार और फिर कहा गया कि इसको भावान्तर में ले लिया जायेगा। यदि ये मान भी लिया जाये कि भावान्तर में किसान को 1000 मिल जायेगा तो भी किसान को 1900-2200 रुपये तक का प्रति क्विंटल घाटा होगा। किसान सूरजमुखी को एमएसपी पर खरीदने की मांग को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन हरियाणा सरकार ने जिस प्रकार लट्ठ तंत्र का प्रयोग किया है उसे देखकर पूरा देश शर्मसार हुआ है। मध्य प्रदेश के मंदसौर गोलीकांड की छठवीं बरसी पर ये कांड हुआ है। इसको आप भाजपा के अन्याय के अध्याय के रूप में देख सकते हैं। उन्होंने बताया कि कांग्रेस एकमात्र ऐसी पार्टी है जो उदयपुर एवं रायपुर अधिवेशन में कृषि क्षेत्र पर बनी हुड्डा कमेटी की घोषणा में एमएसपी पर लगभग सारी फसलों की खरीद और एमएसपी को कानूनी गारंटी का वादा राष्ट्रीय स्तर पर किया है।

सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि शाहाबाद में हुआ लाठीचार्ज सरकार के किसान विरोधी चेहरे का प्रतीक है। हरियाणा सरकार के लट्ठ तंत्र का प्रतीक है। हरियाणा में हर वर्ग को अपमानित करने का काम ये सरकार कर रही है। ऐसे क्रूर शासक आज हरियाणा की सत्ता पर काबिज है। इस सरकार ने किसान से किये हर वादे को तोड़ने का काम किया है। पहले सरकार ने 2022 तक किसान की आमदनी दोगुनी करने का वादा किया था लेकिन उसको भी तोड़ने का काम किया आमदनी दोगुनी हुई नहीं खर्चा दोगुना हो गया। ये सरकार इस कदर किसान विरोधी निकली कि वो 3 कृषि कानून लेकर आयी, जिसमें एमएसपी की अवधारणा ही धूमिल हो रही थी। आजाद भारत के इतिहास में पहला ऐसा आंदोलन था जो इतना लंबा चला, इतना व्यापक रहा और 750 किसानों को कुर्बानी देनी पड़ी। अब एमएसपी की गारंटी पर कमेटी का गठन करने का वादा किया लेकिन न कमेटी बनी न एमएसपी की गारंटी मिली। किसान आंदोलन के समय यही सरकार ये बताते नहीं थकती थी कि एमएसपी थी है और रहेगी। सरकार एमएसपी पर खरीद करेगी। दीपेंद्र हुड्डा ने सवाल किया कि यदि एमएसपी पर खरीद हो रही थी तो फिर कल शाहाबाद में क्या हुआ?

एक सवाल के जवाब में दीपेंद्र हुड्डा ने इंसाफ की मांग कर रही महिला खिलाड़ियों के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी का स्टैंड अडिग है। उन्होंने कहा कि हमारी बेटियों को न्याय मिले और जब तक न्याय नहीं मिलेगा हम अपनी बेटियों का साथ देंगे। दुर्भाग्य की बात है कि सरकार के द्वारा बेटियों के प्रति जो सौतेला व्यवहार किया जा रहा है उसके कई आयाम स्थापित किये जा रहे हैं। पहला उदाहरण होगा जब बेटियां सामने आयी तो पुलिस ने एफआईआर तक दर्ज नहीं की, इसके लिये सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा। इसके बाद सरकार ने आरोपी भाजपा सांसद की गिरफ्तारी नहीं की जो देश में इस प्रकार का शायद पहला उदाहरण होगा। उन्होंने सरकार से सीधा सवाल किया कि अपने एक सांसद को बचाने के लिये देश भर में बेटियों के लिये कैसा वातावरण बना रहे हैं। जब बेटियां अपने मेडल विसर्जित करने के लिये हरिद्वार गयीं तो सरकार के किसी प्रतिनिधि ने उनको रोकने की कोशिश तक नहीं की। ऐसा लगता है कि ये सरकार सिर्फ बेटियों के साथ ही नहीं उनके मेडल से भी घृणा करती थी। अब सरकारी तंत्र को बेटियों की आवाज़ को कुचलने के लिये खुला छोड़ दिया गया है। न्याय के लिये लड़ रही बेटियों के लिये क्या ये उचित वातावरण है?

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Content Editor

Mohammad Kumail

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