दिल्ली, सिरसा से तौबा, गांवों की ओर दौड़े दुष्यंत

punjabkesari.in Sunday, Jul 28, 2019 - 11:59 AM (IST)

चंडीगढ़(बंसल) : लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद जजपा नेता और पूर्व सांसद दुष्यंत सिंह चौटाला अपने पड़दादा स्व. चौ. देवीलाल की राह पर चल पड़े हैं। नई दिल्ली और सिरसा से मोहभंग कर दुष्यंत अब गांवों की ओर दौड़ पड़े हैं। उन्होंने पड़दादा की तर्ज पर गांवों में ‘जन चौपाल’ कार्यक्रम शुरू कर दिया है। गांवों में लोगों के बीच ही वे सुबह का नाश्ता कर रहे हैं तो दिन का भोजन भी उनका ग्रामीणों के साथ ही होता है।

रात्रि पड़ाव भी उन्होंने गांव में ही करना शुरू कर दिया है। विधानसभा चुनावों की घोषणा से पूर्व अधिकांश गांवों को कवर करने की कोशिश में जुटे दुष्यंत ने 24 जुलाई से इस मुहिम की शुरूआत की थी। शनिवार तक उन्होंने 8 विधानसभा क्षेत्रों व 32 गांवों को कवर किया। राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा भी गांवों में पैठ बनाने की मुहिम में जुटी है। ग्रामीण मतदाताओं को ताऊ देवीलाल व चौटाला परिवार का परंपरागत वोटबैंक माना जाता रहा है। दुष्यंत अब अपने इसी वोटबैंक को साधने के लिए विशेष रणनीति तहत मैदान में डटे हैं। 

प्रदेश की राजनीति में सक्रिय राजनीतिक दलों के कई नेता पिछले एक माह से इस कवायद में जुटे थे कि किस तरह इनैलो से टूटने वाले ग्रामीण वोटबैंक में सेंध लगाकर अपने साथ जोड़ा जाए। अन्य नेता अभी योजनाएं बनाने में जुटे हैं,वहीं दुष्यंत चौटाला बकायदा एक ठोस रणनीति तहत गांवों में उतर गए हैं। दुष्यंत ने गांवों में रात्रि ठहराव कार्यक्रम शुरू किए हैं। इस सूची में ज्यादातर वह गांव शामिल हैं जहां किसी जमाने में ताऊ देवीलाल व उनके बाद चौधरी ओम प्रकाश चौटाला अपना समय व्यतीत करते थे। दुष्यंत चौटाला उन कार्यकत्र्ताओं के घर में दस्तक दे रहे हैं जिनके पिता या दादा ताऊ देवीलाल के साथ जुड़े थे लेकिन अब किसी न किसी कारण वह घर बैठ चुके थे।

दुष्यंत अब तक हरियाणा में एक दर्जन गावों में रात्रि ठहराव कर चुके हैं। इस कार्यक्रम तहत दुष्यंत शाम के समय गांव में पहुंचते हैं। लोग जब अपने पशुओं के दैनिक कार्यों से फारिग हो जाते हैं और खेत से वापस आ जाते हैं तब दुष्यंत उनके साथ बेहद सामान्य अंदाज में मुलाकात करते हुए जजपा की नीतियों से अवगत करवाते हैं। रात का खाना और विश्राम कार्यकत्र्ता के घर पर करने के बाद सुबह के समय गांव के युवाओं और पशुपालकों के साथ चौपाल में व्यतीत करते हैं। इसके बाद दुष्यंत किसी कार्यकत्र्ता के घर पर सुबह का नाश्ता करके अगले गांव की तरफ बढ़ते हैं। 


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Isha

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