सरकार के सहयोग के बावजूद भी पोल्ट्री उद्योग बर्बादी के कगार पर

punjabkesari.in Thursday, Apr 09, 2020 - 09:54 AM (IST)

चंडीगढ़ : कोरोना के भय की काली छाया पोल्ट्री उद्योग पर इस कदर पड़ी कि सरकार के सहयोग के बावजूद भी हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे, जबकि सरकार ने फीड की समस्या को देखते हुए बाजरा उपलब्ध करवाने के साथ-साथ अन्य प्रदेशों में फंसे फीड के वाहनों को पोल्ट्री तक पहुंचाया था। हरियाणा सरकार ने एक सप्ताह पहले प्रदेश में अंडे, मीट व मछली की बिक्री को मंजूरी दे दी थी। 

सरकार ने यह मान लिया है कि अंडा व मीट प्रोटीन का सबसे सस्ता साधन है। जिसके चलते अब लॉकडाऊन में भी पोल्ट्री से जुड़ा उद्योग चलता रहेगा। हरियाणा पशुपालन एवं डेयरी विभाग के प्रधान सचिव ने शहरी निकाय विभाग तथा ग्रामीण विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिवों को एक पत्र जारी करके प्रदेश में अंडा, मीट तथा मछली की बिक्री को नियमित कर दिया है।
सरकार द्वारा जारी एक आदेश में शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में नॉनवेज की बिक्री शुरू करने की बात कही गई थी।

सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा दी गई मंजूरी को आधार बनाते हुए प्रदेश में यह आदेश लागू किए थे। सरकार द्वारा संबंधित विभागों को जारी पत्र में कहा गया है कि अंडा व मीट प्रोटीन का सबसे सस्ता साधन हैं। भारत सरकार द्वारा करवाई गई जांच में यह साफ हो चुका है कि पोल्ट्री तथा पोल्ट्री उत्पादों से कोरोना नहीं फैलता है।

जिसके बाद केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को पोल्ट्री उत्पादों पर लगाया गया प्रतिबंध हटाने के लिए कहा है। पत्र में कहा गया है कि हरियाणा में अंडा, पोल्ट्री मीट, मीट तथा मछली आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में आता है। जिसके तहत करियाना स्टोर तथा केवल इन उत्पादों को बेचने वाली दुकानों के खुला रखने पर छूट होगी।


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Edited By

Manisha rana

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