पंचायत चुनावों में उम्मीदवार कर पाएंगे पहले से ज्यादा खर्चः दिलीप सिंह

punjabkesari.in Wednesday, Oct 21, 2020 - 10:24 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): 2021 में होने वाले पंचायती चुनावों को लेकर चुनाव आयोग कितना तैयार है और कोरोना पीड़ित अपने मत का प्रयोग कैसे कर पाएगें और कौन-कौन से चुनाव होंगे इन बातों को जानने के लिए पंजाब केसरी ने चुनाव आयुक्त दिलीप सिंह से विशेष मुलाकात की। जिसमें उन्होंने बताया कि पंचायत चुनाव के साथ ही पंचायत समितियों, जिला परिषदों और 3 नगर निगमों के भी चुनाव होंगे और सभी जिला उपायुक्तों को भी इससे सम्बन्धित निर्देश दिए जा चुके हैं। इस बार के चुनाव पिछले चुनावों से काफी अलग होंगे। इनसे बातचीत के कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत हैं-

प्रश्न- पंचायती चुनाव कब तक करवाने की संभावना है
उत्तर- पिछले आम पंचायतों के चुनाव फरवरी 2016 में संपन्न हुए थे। संविधान के मुताबिक 5 साल की अवधि 24 फरवरी 2021 को समाप्त हो जाएगी। यह चुनाव इससे पहले ही संपन्न करवाने की हमारी कोशिश रहेगी। पंचायती चुनावों के साथ ही पंचायत समितियों और जिला परिषदों के चुनाव भी होने हैं।

प्रश्न- चुनाव को लेकर वार्ड बंदी का कार्य किस स्तर पर है
उत्तर- वार्ड बंदी का कार्य राज्य सरकार द्वारा किया जाता है। जो कि लगभग पूरा कर लिया गया हैं बाकि बचे कुछ स्थानों पर जल्दी पूरा कर लिया जाएगा। इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया द्वारा जो मतदाता सूची बनाई गई थी जिससे वह हर एक जनवरी को रिवाइज करते हैं। उस सूची को वार्ड वाइज डिस्ट्रीब्यूट करने के लिए उपायुक्तों को निर्देश दे दिए गए हैं। इस बार 2 मतदाता सूची नहीं होंगी। राज्य चुनाव आयोग कोई सूची नहीं बनाएगा। विधानसभा चुनावों के लिए जो सूची इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने बनाई थी वही मान्य होगी।

प्रश्न- अगर किसी मतदाता का नाम इस सूची में नहीं है। तो वह क्या करें
उत्तर- अगर कोई मतदाता सूची में नहीं है या वोट बनवाने से रह गया है। तो वह संबंधित उपायुक्त से संपर्क करें और अपने नाम को विधानसभा सूची में ऐड करवाएं। नामांकन वाले दिन तक भी अगर कोई वोट बनवा कर लाता है तो वह न केवल वोट डाल सकेगा बल्कि चुनाव लड़ने की भी उसे अधिकार देंगें।

प्रश्न- पंचायती चुनावों में 50 प्रतिशत महिलाओं को भागीदारी देने की बात राज्य सरकार के स्तर पर निर्धारित होगी या आपके स्तर पर।
उत्तर- पिछड़ा, अति पिछड़ा, अनुसूचित या किसी भी प्रकार का आरक्षण का कार्य कि किसको कितनी सीटें देनी है यह अधिकार राज्य सरकार के पास होता है। राज्य सरकार चुनाव आयोग को सूचित कर देती है कि कितने वार्ड बनाए गए हैं और कहां-कहां पर रिजर्वेशन की गई है। हम उसी हिसाब से चुनाव करवाते हैं।

प्रश्न- कितने नगर निगमों में चुनाव होने हैं
उत्तर- अंबाला, पंचकूला और सोनीपत ये तीन नगर निगमों में चुनाव होने हैं। राज्य सरकार द्वारा वार्ड बंदी और रिजर्वेशन का काम पूरा हो चुका है और मतदाता सूची को वार्ड वाइज डिस्ट्रीब्यूट करने के निर्देश उपायुक्तों को दे दिए गए हैं। यह करीब 45 दिन में कार्य पूरा हो जाएगा इसमें भी विधानसभा के लिए बनाई गई सूची ही मान्य होगी।

प्रश्न- सारी फॉर्मेलिटी पूरी होने के बाद इलेक्शन कमीशन को कितना समय चुनाव करवाने में लगेगा।
उत्तर- करीब 25 दिन का यह प्रोसेस होता है। सबसे पहले चुनाव तिथि की घोषणा करते हैं, फिर नामांकन किया जाता है और फिर चुनाव होता है इसके बाद रिजल्ट निकाले जाते हैं।

प्रश्न- कोरोना कॉल के समय होने वाले चुनावों में किस प्रकार की गाइडलाइन रहेंगी और क्या उस समय जो कोरोना पीड़ित होंगे उन्हें भी वोट का अधिकार होगा
उत्तर- इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया द्वारा कोरोना को लेकर दी गई गाइडलाइन के अनुसार ही सब कुछ होगा। इसी के अनुसार बिहार में चुनाव करवाए जा रहे हैं और बरोदा उपचुनाव भी इसी प्रकार से होगा। काफी बदलाव किए गए हैं जो बूथ पहले 1500 मतों पर होता था अब 1000 मतों पर होगा। ताकि भीड़ से बचा जा सके। सैनिटाइजर, हैंड ग्लब्स, पी.पी.टी. किट के साथ ही मेडिकल टीम का भी पूरा प्रबंध रहेगा। सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखा जाएगा। कोरोना पीड़ित के लिए भी गाइडलाइन दी गई हैं। वह भी अपने मत का प्रयोग करेगा।

प्रश्न- चुनाव आयोग ने लोकसभा, विधानसभा चुनावों में पिछले दिनों खर्चे बढ़ोतरी को लेकर एक संदेश दिया था। क्या पंचायती चुनावों में भी इस प्रकार कुछ होगा।
उत्तर- ऐसा विचार किया जा रहा है क्योंकि कोविड-19 के कारण उम्मीदवार का खर्च बढ़ सकता है। इस कारण से 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी का विचार कर रहे हैं। जिस पर जल्दी निर्देश जारी कर देंगे।

प्रश्न- इन चुनावों में सुरक्षा को लेकर केंद्र से भी सुरक्षा बल की मांग की जाएगी
उत्तर- हरियाणा का इतिहास हमेशा शांतिपूर्ण चुनाव का रहा है और हरियाणा पुलिस पूरी तरह से सक्षम है और चुनाव इकट्ठे नहीं कई हिस्सों में करवाए जाने हैं। इसलिए हरियाणा पुलिस की ही मदद इन चुनावों में ली जाएगी। केंद्रीय सुरक्षा बलों की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी।


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vinod kumar

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