क्या सुर्जेवाला पर दांव खेल वापसी चाहती है कांग्रेस ?
punjabkesari.in Saturday, Jan 12, 2019 - 10:51 AM (IST)

अम्बाला(रवीन्द्र पांडेय): जींद उपचुनाव पर पूरे देश की नजर है। कारण है यहां से कांग्रेस द्वारा अपने सबसे उम्दा प्रवक्ता रणदीप सुर्जेवाला को मैदान में उतारना। बड़े चेहरे को मैदान में उतार कर कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वह हर हाल में एक अदद जीत की तलाश में है। हरियाणा में 5 निगमों के चुनाव की हार के बाद बैकफुट पर आई कांग्रेस के लिए जींद की जीत संजीवनी से कम नहीं होगी। उधर हाल ही में हुए 3 राज्यों के विधानसभा चुनावों में जीत के बाद राहुल गांधी के तेवर बदले हुए हैं। सुर्जेवाला को स्वयं आगे कर राहुल ने दिखा दिया है कि वह जींद उपचुनाव को लेकर काफी गंभीर हैं।
सुर्जेवाला जीते तो आगामी विधानसभा में हो सकते हैं सी.एम. के दावेदार
वहीं, यदि रणदीप सुर्जेवाला जीते तो आगामी विधानसभा चुनावों में सी.एम. के लिए बड़ा चेहरा हो सकते हैं। साथ ही रणदीप का कद बढऩे से पार्टी के ही विरोधी खेमों में हलचल मच सकती है। फिलहाल देखना यह है कि बांगर की महाभारत में आखिर कांग्रेस का यह सूरमा कितना कमाल दिखा पाता है। माना यह भी जा रहा है कि कैथल के मौजूदा विधायक रणदीप यदि जींद से हार जाते हैं तो उनके लिए आगे की डगर काफी मुश्किल होगी। जींद विधानसभा से चुनाव मैदान में उतरे रणदीप सुर्जेवाला हरियाणा के पूर्व मंत्री शमशेर सुर्जेवाला के पुत्र हैं,
लेकिन उनकी स्वयं की पहचान काफी मायने रखती है। युवा कांग्रेस के सबसे कम उम्र के महासचिव रहे रणदीप राष्ट्रीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहने वाले हरियाणा से पहले नेता थे। कैथल से 4 बार विधायक रह चुके रणदीप सुर्जेवाला वर्तमान में कांग्रेस के नम्बर-1 के प्रवक्ता हैं और राहुल गांधी की ज्यादातर पै्रस वार्ताओं की रूप-रेखा वे ही तैयार करते हैं। सालभर से रणदीप सुर्जेवाला की पहचान एक राष्ट्रीय नेता के रूप में होने लगी है।
जीत का समीकरण हो सकता है रोमांचक
कहा यह भी जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा,कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने रणदीप को आगे कर अपना रास्ता साफ करने का प्रयास किया है,जोकि उलटा भी पड़ सकता है। यदि रणदीप जीत हासिल करते हैं तो सी.एम. पद के लिए हुड्डा व तंवर की लड़ाई मुश्किल हो जाएगी और रणदीप को आगामी विधानसभा में कांग्रेस सी.एम. का चेहरा बना सकती है लेकिन यह सब तभी संभव है जब रणदीप जींद की जंग जीत सके। जीत का समीकरण बेहद रोमांचक है क्योंकि कांग्रेस के अलावा इनैलो व जजपा ने भी जाट उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है जबकि भाजपा ने पंजाबी समुदाय से कृष्ण मिड्ढा को टिकट थमाया है, जोकि पूर्व विधायक हरीचंद मिड्ढा के पुत्र हैं। ऐसे में 3 जाट प्रत्याशी होने से मुकाबला कड़ा हो सकता है।
हार-जीत तय करेगी रणदीप व कांग्रेस का भविष्य
कांग्रेस ने रणदीप सुर्जेवाला पर दाव खेलकर स्वयं के साथ-साथ रणदीप के भविष्य को दाव पर लगा दिया है। यह तय है कि यदि जीत हासिल हुई तो कांग्रेस व रणदीप, दोनों का ही फायदा होगा और माहौल कांग्रेस के पक्ष में बन सकता है लेकिन यदि हार हुई तो कांग्रेस से ज्यादा नुक्सान रणदीप का होगा। रणदीप वर्तमान में कांग्रेस का सबसे लोकप्रिय चेहरा है।
विज का ट्वीट, जाल में फंसे रणदीप
ट्विटर पर छाए रहने वाले हरियाणा के खेल मंत्री अनिल विज ने जींद में रणदीप सुर्जेवाला को उतारे जाने पर चुटकी लेते हुए ट्वीट किया है कि कांग्रेस के युद्धरत गुटों ने ऐसा जाल फैंका कि रणदीप सुर्जेवाला उसमें फंस गए।