डंकी रूट बना मौत का सफर: किसी को बॉर्डर पर गोली लगी तो किसी को रूस-यूक्रेन युद्ध में भेजा

punjabkesari.in Saturday, Feb 08, 2025 - 09:08 AM (IST)

कैथल (जयपाल रसूलपुर) : अमेरिकन ड्रीम पूरा करने के लिए डंकी रूट से जाने के चक्कर में कैथल जिले के कई युवक अपनी जान गंवा चुके हैं। जिनमें कलायत क्षेत्र और गांव मटौर के मलकित ओर रवि का नाम शामिल है, साल 2023 में जिले के गांव मटौर निवासी मलकित की मैक्सिको बॉर्डर पर डोंकर ने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वहीं 2024 में गांव मटौर गांव के ही छह युवाओं को एजेंटों ने मोटी सैलरी का लालच देकर रूस-यूक्रेन युद्ध में भेज दिया, जहां रवि नाम के युवक की गोली लगने से मौत हो गई। 

केवल कैथल ही नहीं, बल्कि हरियाणा के हजारों युवा अवैध तरीके से विदेश जाने के लिए एजेंटों को लाखों रुपये दे चुके हैं। इनमें से कई तो अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच पाए और कुछ की मौत की खबर उनके घरवालों तक पहुंची। पीड़ित परिवारों को अपने बेटों के शव तक वापस मंगवाने के लिए प्रशासन से गुहार लगानी पड़ी।

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पूरे पैसे न मिलने पर डोंकर मार देते हैं गोली

मृतक मलकीत के पिता और भाई ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया से मलकीत मौत का पता चला, जब उन्होंने डंकी रूट से अमेरिका गए युवकों से बात की तो पता चला कि एजेंट से पूरे पैसे न मिलने पर डोंकर ऐसे ही गोली मार देते हैं। पनामा के जंगल में पुलिस भी नहीं आती। ऐसे लोगों की लाश भी वहीं पड़ी-पड़ी कंकाल हो जाती है।

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सोशल मीडिया पर लाश दिखी तो पहचाना

इसके बाद सोशल मीडिया पर वीडियो सामने आया। जिसमें एक युवक की लाश पड़ी हुई थी। यह लाश पनामा के जंगल (डेरियन गैप) वाले उसी डंकी रूट पर पड़ी थी, जिस पर मलकीत गया था। हमने वीडियो देखा तो उसमें जो लाश पड़ी थी, वह मलकीत की ही थी। एजेंट ने हमसे कुल 40 लाख ले लिए और बदले में हमें बेटे की लाश मिली। 

रूस-यूक्रेन युद्ध में भेज रवि की हो चुकी है मौत

जिले के मटौर गांव के ही 24 वर्षीय युवक रवि की रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान मौत हो गई थी। उसे रूस में नौकरी दिलाने के बहाने भेजा गया था, लेकिन वहां पहुंचते ही उसे रूसी सेना में जबरन भर्ती करवा दिया गया। पांच महीने के संघर्ष और इंतजार के बाद परिवार को भारतीय दूतावास से उसके निधन की पुष्टि मिली। रवि और कलायत क्षेत्र के पांच अन्य युवकों को एक स्थानीय एजेंट ने रूस भेजा था। उसने वादा किया था कि उन्हें वहां ट्रांसपोर्ट कंपनियों में अच्छी नौकरी मिलेगी। रवि के परिवार ने एजेंट को 11.5 लाख रुपये दिए, लेकिन रूस पहुंचते ही सच्चाई सामने आ गई।
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रवि के भाई अजय मटौर ने बताया कि रवि ने फोन कर बताया था कि उनके साथ धोखा हुआ है। उनसे रूसी भाषा में एक समझौते पर जबरन हस्ताक्षर करवा लिए गए और कहा गया कि या तो रूसी सेना में भर्ती हो जाओ या फिर 10 साल के लिए जेल जाने को तैयार रहो।

जंग के मैदान में भेजने के बाद नहीं लौटी कोई खबर

रवि को मार्च 2024 के मध्य में अग्रिम मोर्चे पर दूसरी बार भेजा गया, जिसके बाद उसका कोई संदेश नहीं आया। कई महीनों तक परिवार रवि की जानकारी के लिए रूस में भारतीय दूतावास से संपर्क करता रहा। अजय ने बताया कि जब उन्होंने रवि के पासपोर्ट की जानकारी दूतावास को भेजी, तो जवाब आया कि वह मर चुका है। इसके बाद रवि की पहचान की पुष्टि के लिए उनके पिता का डीएनए सैंपल मांगा गया, जो उस समय कांवड़ यात्रा पर थे।

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विस्फोट में हुई मौत, परिवार मांग रहा अस्थियां

रवि की मौत एक विस्फोट में हुई, जिससे उसका शरीर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। अजय ने कहा, "हम कम से कम उसके अंतिम अवशेष या उसके कुछ कपड़े तो वापस चाहते हैं ताकि उसकी मौत पर शोक मना सकें।" रवि के परिवार ने भारत सरकार और विदेश मंत्रालय से रवि के पार्थिव अवशेष भारत लाने की अपील की थी। अजय ने कहा, "हमारा भाई चला गया, लेकिन कम से कम उसकी अस्थियां तो हमें मिलें ताकि हम उसका अंतिम संस्कार कर सकें।"

दो सालों में इतने हुए मामले दर्ज

डीएसपी सुशील प्रकाश ने बताया कि 2023 में 97 मामले दर्ज हुए, जिनमें 89 आरोपी गिरफ्तार हुए। वहीं 2024 में अब तक 71 मामले दर्ज हुए, जिनमें 44 आरोपी गिरफ्तार किए गए। डीएसपी ने चेतावनी देते हुए कहा कि कबूतरबाजी के नाम पर भोले-भाले युवाओं से ठगी करने वाले एजेंटों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस लगातार ऐसे गिरोहों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है और आगे भी यह अभियान जारी रहेगा।

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Content Writer

Manisha rana

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