सूर्य ग्रहण के दौरान लगे सूतक में बंद कर दिए जाते हैं मंदिरों के कपाट, पंडित प्रेम शर्मा ने बताई वजह

punjabkesari.in Tuesday, Oct 25, 2022 - 05:17 PM (IST)

कुरुक्षेत्र(रणदीप): साल के आखिरी सूर्य ग्रहण के मौके पर श्रद्धालु बड़ी संख्या में कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर पर आयोजित सूर्य ग्रहण मेले में शामिल होने पहुंचे हैं। ग्रहण के मौके पर ब्रह्म सरोवर में लोग स्नान करने पहुंचे हैं। इस दौरान कुरुक्षेत्र में श्री दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर के पुजारी पंडित प्रेम शर्मा ने बताया कि सूर्य ग्रहण के दौरान लगने वाले सूतक में क्या करें क्या ना करें।

 

पंडित प्रेम शर्मा ने बताया कि आज धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में दिखाई देने वाला सूर्य ग्रहण पूर्ण ग्रहण नहीं है, बल्कि खंडग्रास सूर्यग्रहण है। उन्होंने बताया कि सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले ही सूतक लग चुका है। ऐसे में खान पान निषेध माना जाता है। उन्होंने कहा कि इस दौरान अच्छे और शुभ कार्य करना निषेध माना जाता है। पंडित प्रेम शर्मा का कहना है कि सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य ग्रस्त होता है। ऐसे में पृथ्वी पर उसकी नकारात्मक दृष्टि रहती हैं। इसलिए सूतक के दौरान कुछ भी खाने पीना नहीं चाहिए।

 

सूतक में मंदिरों के कपाट बंद करने पर पंडित प्रेम शर्मा ने कहा कि उत्तरी भारत में सूर्य ग्रहण के दौरान मंदिरों को मूर्तियों को छूना निषेध माना जाता है। पहले मंदिरों के कपाट बंद करने की परंपरा दक्षिण भारत में ज्यादा प्रचलित थी। अब धीरे-धीरे यह उत्तर भारत में भी दिखाई देने लगी है। लिहाजा सूर्य ग्रहण से कुछ देर पहले ही सूर्यग्रहण के दौरान मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। इसलिए सूर्य ग्रहण के समापन के बाद ही खोले जाते हैं।

 

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Content Writer

Gourav Chouhan

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