कैबिनेट मंत्री रहीं दिग्गज भाजपा नेता कमला वर्मा की हालत गंभीर, बेटे ने सरकार से मांगी मदद
punjabkesari.in Monday, May 31, 2021 - 08:46 PM (IST)
यमुनानगर/चंडीगढ़(सुरेंद्र मेहता/धरणी): भाजपा हरियाणा की दिग्गज व वयोवृद्ध नेता डॉक्टर कमला वर्मा कोरोना और ब्लैक फंगस की चपेट में आने से गंभीर हालत में एक निजी अस्पताल में है। कमला वर्मा के साथ उनके पुत्र राजन वर्मा की हालत भी खराब है। वह काफी समय से डायलिसिस पर है। राजन वर्मा ने बताया कि 5 मई को डॉक्टर कमला वर्मा की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। उसके बाद उन्हें राजपुरा के एक मल्टी स्पेशलिस्ट अस्पताल में भर्ती करवाया गया, लेकिन वहां कोई संतोषजनक उपचार नहीं हुआ। जिसके चलते उन्हें यमुनानगर में निजी अस्पताल में दाखिल किया गया है।
इलाज के दौरान उन्हे ब्लैक फंगस के लक्षण दिखाई दिए। अस्पताल के डॉक्टर ने उन्हें एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन लाने के लिए कहा। लेकिन यमुनानगर नहीं आसपास के इलाकों में भी यह इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है और डॉक्टर कमला वर्मा की हालत लगातार हो रही है। उन्होंने बताया कि सीएमओ डॉक्टर विजय दहिया ने दो इंजेक्शन उपलब्ध करवाए थे, लेकिन एक दिन में छ इंजेक्शन लगने हैं। डॉक्टर लगातार इंजेक्शन मांग रहे हैं, लेकिन उनके पास इंजेक्शन नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री से मदद के लिए अपील की है।
तीन बार हरियाणा की कैबिनेट मंत्री रही डॉक्टर कमला वर्मा का राजनैतिक जीवन बहुत सम्मानित व गौरव पूर्ण रहा, उसका श्रेय जनसंघ व बीजेपी को है। जब वह राजनीति में आई तो बहुत लम्बे समय बसों पर यात्रा की, तब कार उनके पास नहीं होती थी। डॉक्टर कमला वर्मा ने हरियाणा ही नहीं जम्मू कश्मीर, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार सहित कई राज्यों में जाकर भाजपा के लिए प्रचार प्रसार का काम किया।
भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी सहित कई वरिष्ठ नेताओं के साथ कार्य कर चुकी डॉक्टर कमला वर्मा हरियाणा भाजपा की प्रथम महिला प्रधान रही। इसके बाद वह प्रदेश व देश में कई महत्वपूर्ण पदों पर रही और तीन बार हरियाणा में कैबिनेट मंत्री रही। कमला वर्मा ने घोषणा कर रखी थी कि वह भविष्य में कोई चुनाव नहीं लडेंगी। उनके दो बेटे हैं एक वायु सेना से सेवानिवृत्त है और दूसरा बेटा राजन इनके साथ यमुनानगर में रहता है। कमला वर्मा ने कभी परिवारवाद को बढ़ावा नहीं दिया। वह मानती हैं कि भाजपा की विचारधारा ही ऐसी है कि परिवारवाद को बढ़ावा ना मिले, इसलिए उन्होंने कभी परिवारवाद को बढ़ावा नहीं दिया। वह कहती हैं कि हमने निर्माण का काम किया नींव में पत्थर की जरूरत भी होती है।
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