​​​​​​​कुरुक्षेत्र में कोरोना के चलते नहीं हुआ मेले का आयोजन, सिर्फ साधुओं को दी अनुष्ठान की अनुमति

punjabkesari.in Sunday, Jun 21, 2020 - 01:34 PM (IST)

कुरुक्षेत्र (रणदीप रौर) : धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में कोरोना काल के चलते सूर्यग्रहण के मेले का आयोजन नहीं हुआ, लेकिन परंपरा कायम रहे इसलिए साधुओं को अनुष्ठान की अनुमति दी गई है। जहां कुरुक्षेत्र ब्रह्मसरोवर पर साधु पहुंचे और उन्होंने श्रद्धा की डुबकी लगाई। इस वक्त अनुष्ठान चल रहा है।

बता दें कि कुरुक्षेत्र में सूर्य ग्रहण स्नान का विशेष महत्व है पौराणिक काल से धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में सूर्यग्रहण के मौके पर मेले का आयोजन होता है। ऐसा माना जाता है कि इस बार जो सूर्य ग्रहण का योग बन रहा है वह दुर्लभ योग है। रविवार के दिन सूर्य ग्रहण का विशेष महत्व माना जाता है कि पौराणिक काल में महाभारत समय में इस तरह का योग सूर्य ग्रहण का बना था।

कोरोना महामारी के चलते जिला प्रशासन ने फैसला लिया था कि सूर्यग्रहण मेले का आयोजन नहीं होगा। इसलिए शहर में कर्फ्यू लगाया गया था। कर्फ्यू के दौरान पहली बार धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में सूर्यग्रहण आयोजन परंपरा कायम रखने के लिए किया जा रहा है। एक तरफ जहां आम लोगों को कर्फ्यू के चलते ब्रह्मसरोवर से दूर रखा गया है वहीं साधु समाज को कोरोना टेस्ट  के बाद अनुष्ठान की अनुमति दी गई थी। ताकि आदिकाल से चली आ रही परंपरा कायम रहे। 

ब्रह्मसरोवर में सूर्यग्रहण के मौके पर स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है कि हजारों अश्वमेध यज्ञ के बराबर फल मिलता है। आज साधु ने अनुष्ठान किया। वहीं हरियाणा साइंस एंड टेक्नोलॉजी की टीम भी पहुंची जिन्होंने दूरबीन के माध्यम से लोगों को सूर्य ग्रहण के दर्शन करवाए। आज का जो सूर्य ग्रहण है वह माना जाता है कि महाभारत काल में इस तरह का सूर्य ग्रहण का योग बना था। आसमान में ग्रहण की वजह से अंधेरा छा गया। सूर्य ग्रहण के मौके पर जहां ब्रह्मसरोवर में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु श्रद्धा की डुबकी लगाते थे कोरोना महामारी के चलते आज चंद साधुओं ने डूबकी लगाई। 

भिवानी (अशोक भारद्वाज) : भिवानी छोटी काशी नगरी के नाम से प्रसिद्ध धार्मिक स्थल और इस धार्मिक स्थल पर भिवानी छोटी काशी के सभी छोटे में बड़े धर्म अनुष्ठान कार्यक्रम व मंदिरों के पट बंद रहे ।आज श्रद्धालुओं ने मंदिरों में पूजा की बजाय अपने घर पर ही सूर्य ग्रहण के चलते भगवान सूर्य देव व अन्य देवी देवताओं की पूजा व प्रार्थना की। गौरतलब है कि 11 वर्षों के बाद सूर्य ग्रहण का यह एक विशेष संयोग बना है। 11 वर्ष पहले इस प्रकार का सूर्य ग्रहण देखने को मिला था ।

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रादौर (कुलदीप सैनी) : सूर्यग्रहण पर दान का विशेष महत्व है और इस दिन सभी लोग अलग-अलग तरीके से दान कर पुण्य कमाते है, लेकिन रादौर में एक सामाजिक संस्था द्वारा इस दिन रक्तदान शिविर का आयोजन किया। संस्था का कहना है कि रक्तदान से बड़ा कोई दान नही है। युवा खेल एवं रक्तदान संस्था के अध्यक्ष धनपत सैनी ने कहा कि सूर्यग्रहण पर दान का काफी महत्व माना जाता है, इसी के चलते उनकी संस्था ने सामुहिक फैसला लेते हुए इस दिन रक्तदान शिविर लगाने का निर्णय लिया था, क्योंकि रक्तदान से बड़ा दान दुनिया मे कोई भी नही है। वही उन्होंने कहा कि इस रक्तदान शिविर में ज्यादा भागीदारी युवाओं की रही, ताकि युवाओं के अंदर रक्तदान कर समाज व देश के लिए सेवा करने का जज्बा पैदा हो। खैर कोरोना महामारी के चलते संस्था द्वारा आज लगाए गए इस शिविर में सोशल डिस्टैंनसिंग का भी पूरा ध्यान रखा गया। इस शिविर में रेडक्रॉस की टीम ने अपनी सेवाएं दी और दर्जनों युवाओं द्वारा किया गया रक्त एकत्रित किया।

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फतेहाबाद (रमेश भट्ट) : हरियाणा के फ़तेहाबाद में सदी का सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण दिल को छू लेने वाले नजारे में दिखा। सूर्य ग्रहण के समय फ़तेहाबाद में सूर्य के बीच चन्द्रमा की आकृति 'दिल' जैसी नजर आई जो कि दिल को छू लेने वाली लगी। आम तौर पर जून की महीने में आंखों को 'जला' देने वाली सूरज की परछाई आज ग्रहण के समय दिल को छू देने वाली दिखी। सूर्य ग्रहण के समय दिन में अंधेरा छा गया और मोहल्ले-गालियां सब सूने नजर आए।


 


 


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Edited By

Manisha rana

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