इनेलो के अस्तित्व पर मंडराए संकट के बादल, छिन सकता है चुनाव चिन्ह और क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा
punjabkesari.in Wednesday, Mar 27, 2024 - 03:18 PM (IST)

चंडीगढ़ः हरियाणा की सबसे पुरानी पार्टी INLD का लंबा इतिहास है, लेकिन प्रदेश में पार्टी की परफॉर्मेंस लगातार गिरती जा रही है। जिससे अब पार्टी का चुनाव चिन्ह चश्मा खतरे में आ गया है। बता दें कि देश को उप प्रधानमंत्री और हरियाणा को कई बार सीएम देने वाली पार्टी इनेलो (इंडियन नेशनल लोकदल) का स्टेट पार्टी का दर्ज छिन सकता है।
इसलिए इनेलो से छिन सकता चश्मा चुनाव चिन्ह
हरियाणा के दिग्गज नेता व पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल ने पार्टी का सफर शुरू किया था। 2018 में चौटाला परिवार बिखरा तो इनेलो को बड़ा नुकसान हुआ। 2019 के लोकसभा चुनाव में 1.89% और विधानसभा चुनाव में 2.44% ही वोट मिल पाए। इसके अलावा 2019 के चुनाव भाजपा की लहर ने हरियाणा में सभी दलो का सूपड़ा साफ कर दिया। 10 की 10 सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी विजयी हुए। इस चुनाव में इनेलो को एक भी सीट नहीं मिली। इसके बाद विधानसभा चुनाव हुआ। इस चुनाव में इनेलों के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन यहां भी निराशा हाथ लगी। अभय चौटाला के अलावा सभी प्रत्याशी हार गए। इस बार भी कम से कम 6% वोट और एक सीट या 8% वोट नहीं मिले तो स्टेट पार्टी का दर्जा व चश्मे का चुनाव निशान तक छिन सकता है।
स्टेट पार्टी का दर्जा कैसे बच सकता है
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार का कहना है कि किसी भी पार्टी को लगातार दो चुनाव (लोकसभा व विधानसभा) में निर्धारित वोट नहीं मिलते हैं तो स्टेट पार्टी का दर्जा छिन जाता है। लोकसभा चुनाव में 6% वोट और एक सीट या 8% वोट की जरूरत होती है। विधानसभा में 6% वोट और 2 सीटें होनी चाहिए। नियम के अनुसार, अगर लगातार 2 चुनाव (2 लोस व 2 विस) में ये सब नहीं होता है तो पार्टी का चुनाव चिन्ह भी छिन सकता है।
राज्य स्तरीय राजनीतिक दल के रूप में मान्यता के लिये शर्तें
दल ने राज्य की विधानसभा के लिये हुए चुनावों में कुल सीटों का 3 प्रतिशत या 3 सीटें, जो भी अधिक हो, प्राप्त किया हो।
लोकसभा के लिये हुए आम चुनाव में दल ने राज्य के लिये निर्धारित प्रत्येक 25 लोकसभा सीटों में 1 सीट पर जीत दर्ज की हो।
राज्य में हुए लोकसभा या विधानसभा के चुनावों में दल ने कुल वैध मतों के 6 प्रतिशत मत प्राप्त किये हों तथा इसके अतिरिक्त उसने 1 लोकसभा सीट या 2 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की हो।
राज्य में लोकसभा या विधानसभा के लिये हुए चुनावों में दल ने कुल वैध मतों के 8 प्रतिशत मत प्राप्त किये हों।
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