ऐलनाबाद का जनादेश: न अजय हरा पाए अभय को और ना गोपाल जिता पाए गोबिंद को!

punjabkesari.in Saturday, Nov 06, 2021 - 10:35 AM (IST)

चंडीगढ़ (संजय अरोड़ा) : हरियाणा विधानसभा की ऐलनाबाद सीट को लेकर हुए उपचुनाव में इनैलो और भाजपा में रोचक व कड़ी जंग देखने को मिली और इस उपचुनाव में बेशक अभय सिंह चौटाला जीत कर पांचवीं बार विधायक बन गए, मगर इस चुनावी संग्राम में कई रोचक व दिलचस्प पहलू भी देखने को मिले। नेताओं के आपसी वार पलटवार व तीखे सियासी हमलों ने सबका ध्यान आकर्षित किया। इस उपचुनाव में सबसे रोचक पहलू यह रहा कि इस चुनावी लड़ाई में एक भाई ने अपने ही छोटे भाई को हराने के लिए खूब जोर आजमाइश की तो वहीं एक भाई ने अपने छोटे भाई को चुनावी रण में विजयी बनाने के लिए खूब पसीना बहाया। 

दरअसल जेजेपी के संरक्षक अजय सिंह चौटाला ने सत्ता सहयोगी के नाते अपने छोटे भाई एवं इनैलो उम्मीदवार अभय चौटाला को हराने के लिए पूरी तरह ताकत झोंकी तो दूसरी ओर हलोपा सुप्रीमो एवं सिरसा के विधायक गोपाल कांडा ने अपने भाई व भाजपा- जजपा गठबंधन उम्मीदवार गोविंद कांडा को जिताने के लिए खूब जोर लगाया, मगर ऐलनाबाद के मतदाताओं ने एक बार फिर अभय सिंह चौटाला को अपना  विधायक चुनकर ना तो अजय सिंह चौटाला की मुराद पूरी होने दी और न ही गोपाल कांडा की मेहनत सफल हो पाए। 

गौरतलब है कि ऐलनाबाद का उप चुनाव भाजपा के 7 साल के शासन काल में तीसरा उपचुनाव था। इससे पहले जनवरी 2019 में जींद में उपचुनाव हुआ था, जिसमें भाजपा के उम्मीदवार कृष्ण मिड्ढा विजयी हुए थे। वहीं नवंबर 2020 में बरोदा में हुए उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार इंदु राज नरवाल को जीत मिली थी। अब ऐलनाबाद में हुए उपचुनाव में इनैलो के अभय चौटाला को जीत मिली है। खास बात यह है कि जींद और बरोदा उपचुनाव की तुलना में ऐलनाबाद में चौटाला परिवार के सदस्यों में रोचक जंग देखने को मिली। 

इस पूरी चुनावी जंग में अजय सिंह चौटाला ने अपने भाई अभय सिंह चौटाला के खिलाफ जमकर जोरदार सियासी हमला बोला और विधायक गोपाल कांडा ने भी अपने भाई गोबिंद कांडा की जीत के लिए एक पखवाड़ तक धुंआधार प्रचार किया ।  खास बात यह रही कि कांग्रेस विधायक दल के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी भाइयों की इस जंग पर चुटकी लेते हुए कहा था कि एक भाई तो अपने भाई को हराने के लिए जोर लगा रहा है,  जबकि एक भाई अपने भाई को जिताने के लिए लगा हुआ है।

रोड़ी उपचुनाव में अभय को मिली थी रिकॉर्ड जीत
पांचवीं बार विधायक बने अभय सिंह चौटाला के सियासी करियर की बात करें तो उनके राजनीतिक जीवन में ऐलनाबाद उपचुनाव तीसरा ऐसा उपचुनाव है,  जिसमें वह विजयी हुए हैं। साल 2000 में अभय सिंह ने रोड़ी विधानसभा सीट से रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की थी। रोड़ी के उपचुनाव में अभय सिंह ने करीब 93,000 वोट लेते हुए कांग्रेस के उम्मीदवार बलदेव महंत को करीब 86, 000 वोटों के बड़े भारी अंतर से हराया था। इसी प्रकार साल 2010 में हुए ऐलनाबाद उपचुनाव में अभय चौटाला ने कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बेनीवाल को 6,227 वोटों के अंतर से पराजित किया और अब अभय सिंह चौटाला ने ऐलनाबाद सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा- जजपा प्रत्याशी गोविंद कांडा को 6,739 वोटों के अंतर से पराजित किया है। इस प्रकार अभय सिंह चौटाला 4 बार ऐलनाबाद और एक बार रोड़ी से विधायक बने हैं।

अभेद्य किला बनाए रखने में सफल रहे अभय
विशेष पहलू यह भी है कि ऐलनाबाद के चुनावी रण को जीतने के लिए भाजपा-जाजपा गठबंधन ने पूरा जोर लगाया। खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 2 दिन तक ऐलनाबाद में जनसंपर्क अभियान चलाया। उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने भी जनसभाओं को संबोधित किया इसके अलावा जेजीपी के संरक्षक अजय सिंह चौटाला व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़, राज्य के बिजली मंत्री रणजीत सिंह, उपचुनाव के प्रभारी सुभाष बराला, सिरसा की सांसद सुनीता दुग्गल, भाजपा के जिलाध्यक्ष आदित्य चौटाला सहित भाजपा जजपा गठबंधन सरकार के मंत्रियों एवं विधायकों ने भी ऐलनाबाद उपचुनाव को लेकर अपनी तरफ से कोई कोर कसर नहीं छोड़ी, मगर इस बड़े चुनावी चक्रव्यूह को आखिरकार अभय सिंह ने भेद ही लिया। किसान आंदोलन को लेकर इस्तीफा देने वाले अभय सिंह चौटाला को किसानों का भी भरपूर समर्थन मिला और आखिरकार अभय सिंह ऐलनाबाद का उप चुनाव जीत गए और इस क्षेत्र को अपना अभेद किला बनाए रखने में कामयाब रहे।
 


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Content Writer

Manisha rana

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