गबन मामले में फंसे पूर्व सरपंच की मौत, किसी समय PM से मिला था सम्मान

punjabkesari.in Monday, Oct 16, 2017 - 12:01 PM (IST)

सिरसा(सतनाम सिंह): मनरेगा में सर्वश्रेष्ठ काम करने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित सिरसा जिले के गांव कालूआना की सरपंच गीता सहारण के पति और पूर्व सरपंच जगदेव सहारण की रविवार सुबह पुलिस हिरासत में संदिग्ध हालात में मौत हो गई। हालांकि पुलिस का कहना है कि जगदेव ने चलती जिप्सी से छलांग लगा दी थी, इससे वो जख्मी हो गए, बाद में उनकी मौत हो गई। जगदेव सिंह के परिजन उसे बेकसूर बता रहे हैं।
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पुलिस ने बताई मौत की ये वजह
जानकारी के अनुसार गांव कालूआना के पूर्व सरपंच जगदेव पर डबवाली पुलिस ने गबन का मामला दर्ज किया गया था। बताया जाता है कि सदर डबवाली पुलिस जगदेव सहारण को 13 अक्टूबर को सिरसा से हिरासत में लिया गया था और उसे लेकर डबवाली कोर्ट की ओर जा रहे थे। पुलिस के अनुसार गांव साहुवाला-प्रथम के निकट जगदेव ने भागने की कोशिश में पीसीआर से छलांग लगा दी लेकिन गिरने के कारण वह घायल हो गया, उसे अस्पताल में लाया गया। जहां इलाज के दौरान दिल्ली ले अपोलो अस्पताल में उसकी मौत हो गई। 
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पति को झूठे मामले में फंसाया-पत्नी
वहीं मृतक जगदेव की पत्नी गीता सहारण ने बताया कि उनके पति को झूठे मामले में फंसाया गया है। उनके पति गाड़ी से छलांग नहीं लगा सकते।
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इस आरोप पर किया था गिरफ्तार
सीएम के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. राकेश गुप्ता के आदेश पर बीडीपीओ वेदपाल ने 10 जनवरी 2017 को जगदेव सहारण के खिलाफ मनरेगा और पंचायती फंड के गबन का मुकदमा दर्ज करवाया था। आरोप था कि 2011 में मनरेगा के तहत सिंचाई के लिए नाला बनवाने के लिए 1, 05,121 रुपए जारी हुए थे, लेकिन जगदेव ने नाला नहीं बनवाया। इतना ही नहीं, 2014 में मनरेगा के 6 लाख 62 हजार 918 रुपए भी जगदेव सहारण के पास हैं।
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मनरेगा स्कीम में PM से मिला था सम्मान
सिरसा जिले के कालूआना गांव की पंचायत को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत बेहतर काम के लिए 2009-10 की देश की श्रेष्ठ आठ (बेस्ट एट) पंचायतों में चुना गया था। इसके लिए 2 फरवरी 2011 को दिल्ली के विज्ञान भवन में यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी और देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पंचायतों को सम्मानित किया था। कालूआना पंचायत की तरफ से यह सम्मान तत्कालीन सरपंच जगदेव सहारण ने हासिल किया था। दिल्ली में यह प्रोग्राम महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की पांचवीं वर्षगांठ पर ऑर्गनाइज किया गया था। सिरसा जिले में भी यह योजना 2 फरवरी 2006 को जिला के गांव भावदीन से शुरू की गई थी।
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सुप्रीम कोर्ट जाने वाला था जगदेव
जगदेव ने गबन से इनकार किया था। उन्होंने इसे राजनीतिक साजिश बताया था। जगदेव का कहना था कि उल्टे उन्हें पंचायत से 12 हजार रुपए लेने हैं। उन्होंने कहा था, "2014 में चार्ज कार्यवाहक सरपंच दलीप भाकर के पास आने से पहले करीब 3 साल में मुझे जो भी नोटिस मिला है, उस पर मैंने यही जवाब दिया कि रिकॉर्ड देखा जाए। जो मामला कार्यवाहक सरपंच पर दर्ज होना चाहिए था, वो मुझ पर दर्ज हुआ है। मैं सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाऊंगा।" जिस वक्त पुलिस ने जगदेव सहारण को अरेस्ट किया, पता चला है कि वह इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट अपील करने जा रहे थे।


 


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