डल्लेवाल के अनशन का आज 69वां दिन, बजट में मांगों का जिक्र न होने पर किसानों ने जताई नाराजगी
punjabkesari.in Sunday, Feb 02, 2025 - 10:50 AM (IST)
नरवाना/जींद (अमनदीप पिलानिया) : पंजाब और हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत खराब है। उनका अनशन 69 दिन में प्रवेश कर गया। पहले उन्हें बुखार हुआ, वहीं अब उनके कान में दर्द हो रहा है। डॉक्टरों की एक टीम लगातार उनकी देखरेख कर रही है।
किसान नेताओं ने कहा कि बजट को सुनकर किसानों को निराशा हाथ लगी है। उन्होंने कहा कि किसानों की किसी भी उम्मीद पर केंद्र सरकार खरा नहीं उतर पाई। उन्होंने कहा कि देश में किसानों की आबादी 50% से अधिक है लेकिन पूरे बजट (50,65,345 करोड़ रुपये) में से मात्र (1, 71, 437 करोड़ रुपये) कृषि क्षेत्र को दिया गया जो मात्र 3.38% है। किसान नेताओं ने कहा कि देश के किसानों की प्रमुख मांग MSP गारंटी कानून है लेकिन उसके बावजूद बजट में MSP गारंटी कानून के विषय में केंद्र सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया जो बेहद निराशाजनक है। किसान नेताओं ने कहा कि बजट के भाषण में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण जी ने कृषि उत्पादों के विषय में देश को आत्मनिर्भर बनाने व फसलों के विविधिकरण की बातें कहीं लेकिन सरकार की तरफ से उसके लिए न तो कोई ठोस रूपरेखा की घोषणा करी गई और न ही बजटीय प्रावधान किया गया।
जानें किसानों ने क्या कहा?
किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार कह रही है कि वह अगले 4 वर्षों तक तुअर, उड़द एवम मसूर की फसलें नेफेड एवम एनसीसीएफ के माध्यम से MSP पर खरीदेगी जिससे देश दालों के मामले में आत्मनिर्भर बनेगा, लेकिन हम केंद्र सरकार से पूछना चाहते हैं कि यदि सरकार दलहन एवं तिलहन में देश को सच में आत्मनिर्भर बनाना चाहती है तो दलहन एवं तिलहन की सभी फसलों को MSP गारंटी कानून के दायरे में क्यों नहीं ला रही है और 4 साल तक की खरीद की लिमिट क्यों लगाई जा रही है? केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष 1, 41, 000 करोड़ रुपये से अधिक के खाद्यान तेल एवं 31, 170 करोड़ रुपये से अधिक की दालों का आयात किया, यदि खाद्यान तेल व दालों के आयात के लिए खर्च किया गया।
किसानों को कर्ज माफी दी जाए
उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि उन्हें कर्जमुक्त किया जाए एवं स्वामीनाथन आयोग के C2+50% फॉर्मूले के अनुसार फसलों की MSP पर खरीद की गारंटी का कानून बनाया जाए। ताकि किसानों को भविष्य में कर्ज लेने की जरूरत ही न पड़े, लेकिन दूसरी तरफ केंद्र सरकार किसानों की किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर रही है ताकि किसान ओर अधिक कर्जदार हो जाये। किसान नेताओं ने कहा कि खेती संकट का समाधान किसानों को ओर अधिक कर्जदार बनाने से नहीं बल्कि MSP गारंटी कानून के माध्यम से किसानों को आत्मनिर्भर बनाने से होगा।
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