हरियाणा में किसान फिर आंदोलन की राह पर, 20 जुलाई ट्रक्टरों पर काले झंडे बांध कर करेंगे आंदोलन

punjabkesari.in Tuesday, Jul 14, 2020 - 11:09 AM (IST)

गोहाना(सुनील): गोहाना पहुंचे किसान नेता गुरनाम सिंह ने मीडिया से बात करते कहा सरकार द्वारा किसानों के शोषण के तीनों अध्यादेशों को रद्द करवाने बिजली के प्राइवेट करने और डीजल की बढ़ी कीमतों को लेकर 20 तारीख को पूरे हरियाणा के किसान अपने-अपने ट्रैक्टरों पर काले झंडे बांध कर रोड शो करेंगे। उन्होंने बताया कि  हरियाणा के हर जिले व तहसील लेवल पर किसान प्रदर्शन करते हुए वहां के एसडीएम व डीसी को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सोपेंगे।

गुरनाम सिंह ने कहा हालिया समय में केंद्र सरकार तीन विषयों पर कृषि अध्यादेश लेकर आई है जिन्हें राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल चुकी है। ये तीनों अध्यादेश भारत के करोड़ों किसान परिवारों के भविष्य से जुड़े हुए हैं। एक तरफ सरकार व अनेक अर्थशास्त्री इस बात को मानते हैं कि कोरोना वायरस काल में सिर्फ किसानों की मेहनत/कृषि क्षेत्र के आधार पर ही देश की अर्थव्यवस्था का पहिया घूम रहा है, दूसरी तरफ केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP पर खरीद बन्द कर के किसानों का शोषण करने में लगी हुई है। अगर देखा जाए तो आज भी किसानों को C2+50% के अनुसार फसलों का MSP नहीं मिल रहा है लेकिन उसके बावजूद किसान किसी तरह अपना जीवनयापन कर रहे हैं।

यदि सरकार ने MSP पर खरीद को बंद कर दिया तो खेती-किसानी के साथ-साथ देश की खाद्यान सुरक्षा भी बड़े संकट में फंस जाएगी इन अध्यादेशों के जरिये आने वाले समय में केंद्र सरकार किसानों को मिलने वाले MSP को खत्म करने जा रही है। केंद्र सरकार का दावा है कि इन अध्यादेशों के किसानों को फायदा होगा लेकिन असल में किसानों को नहीं बल्कि बड़ी-बड़ी कम्पनियों को फायदा होगा।यह बात आप सब जानते ही होंगे कि हमारी केंद्र सरकार के ऊपर विश्व व्यापार संगठन यानी WTO का दबाव है कि किसानों को मिलने वाला MSP और हर प्रकार की सब्सिडी केंद्र सरकार समाप्त करे।

इससे पहले भी कांग्रेस व बीजेपी की सरकारों ने MSP को खत्म करने की तरफ कदम बढ़ाने की असफल कोशिश की लेकिन किसानों के दबाव के सामने उन्हें अपने कदम पीछे खींचने पड़े। अब केंद्र सरकार कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन का अनैतिक तरीके से फायदा उठाकर ये तीनों अध्यादेश लेकर आई है, सरकार को लगता है कि कोरोना वायरस के कारण किसान बड़े पैमाने पर इकठ्ठे होकर प्रदर्शन नहीं कर सकते इसलिये सरकार ने यह कदम उठाया गुरनाम सिंह ने कहा सरकार ने ये फैसले वापस नहीं लिए तो किसान आने वाले समय में और बड़ा फैसला लेने पर मजबूर होंगे उहने इस आंदोलन में अपनी जान भी गवानी पड़ी तो वो इस से भी पूछे नहीं हटेंगे 


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Isha

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