पराली न जलाने वाले किसानों को मिलेगा 100 रुपया प्रति क्विंटल के हिसाब से अनुदान

punjabkesari.in Wednesday, Nov 13, 2019 - 12:02 AM (IST)

फतेहाबाद (रमेश भट्ट): फसली अवशेष प्रबंधन अपनाने वाले किसानों के लिए बड़ी खबर है। प्रदेश सरकार ने ऐसे किसानों को अनुदान देने की घोषणा की है। सरकार की योजना के तहत लघु और सीमांत किसान जिनकी पांच एकड़ से कम जमीन है और उन्होंने अपने खेत में परमल धान के कटाई के बाद पराली में आग न लगाकर उसका फसल के अवशेष जमीन में दबाकर या बेलर द्वारा मशीनें से गांठे बनाई है, उन्हें लाभ दिया जाएगा। 

साथ ही ऐसे संबंधित बेलर मशीन की कस्टम हायरिंग सैंटर (सीएचसी) को एक हजार रुपये प्रति एकड़ ऑपरेशन चार्ज सरकार द्वारा दिया जाएगा। कृषि अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने सोमवार को फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर प्रदेश के सभी उपायुक्तों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं। 

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उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल के माध्यम से 6 नवंबर से 15 नवंबर तक परमल धान की फसल बेचने वाले किसानों को 100 रुपये प्रति क्विंटल अनुदान राशि भी देगी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक गांव में तैनात किए गए नोडल अधिकारी और नंबरदारों द्वारा निरीक्षण करने के उपरांत तैयार रिपोर्ट के आधार पर यह राशि हरियाणा कृषि विपणन बोर्ड द्वारा किसानों को दी जाएगी। 

उन्होंने कहा कि गांव में नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए है। ग्राम पंचायतों की जिम्मेवारियां भी निर्धारित की गई है। किसी गांव में अगर धान के अवशेष जलाए जाते हैं तो गांव की कमेटी और सरपंच की जिम्मेवारी निर्धारित की जाएगी। सरपंच के खिलाफ पराली जलाए जाने के मामले आने पर कार्रवाई भी की जाएगी।


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Shivam

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