हरियाणा का वो निडर IAS, जिसने CM की बात मानने से किया था इंकार, फिर जो हुआ...
punjabkesari.in Friday, Jun 27, 2025 - 10:50 PM (IST)

हरियाणा डेस्क : हरियाणा कैडर 1991 बैच के IAS अधिकारी अशोक खेमका की ईमानदारी के किस्से देशभर में मशहूर हैं। 30 अप्रैल 2025 को रिटायर्ड हो चुके अशोक खेमका इन दिनों अपने परिवार के साथ समय बिता रहें हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ अडिग रुख अपनाने के कारण उन्हें लगातार तबादलों का सामना करना पड़ा। आज हम उनकी निडरता का एक ऐसा ही किस्सा बताने जा रहे हैं।
हाल ही में एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में IAS अधिकारी अशोक खेमका ने बताया कि साल 1994 में उनकी पोस्टिंग SDM के रूप में हरियाणा के टोहाना में थी। खेमका ने बताया कि उस समय डीसी का फोन आया कि पीएम की रैली के लिए आपके अधिकार क्षेत्र से ट्रकों का इंतजाम करना पड़ेगा। उस समय देश के प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव थे और हरियाणा के सीएम भजनलाल थे। सीएम भजन लाल ने ही सभी डीसी को ये आदेश दिए थे।
खेमका ने डीसी को कहा- लिख कर दें
खेमका ने बताया कि उन्होनें डीसी को ट्रकों और अन्य चीजों का इंतजाम करने के लिए साफ मना कर दिया। इस पर डीसी ने कहा कि आप ये लिख कर दें कि आप पीएम की रैली के लिए ट्रकों का इंतजाम नहीं करेंगे। डीसी की इस बात पर खेमका ने कहा कि अगर ये आप लिख कर देंगे तो मैं भी लिख कर इसका जवाब दे दूंगा।
अगले ही दिन हुआ ट्रांसफर
अशोक खेमका ने बताया कि इस बात से खफा होकर अगले ही दिन पूरे काडर में से सिर्फ उन्हीं का अंडर सेक्रेट्ररी के रूप में चंडीगढ़ ट्रांसफर कर दिया गया। जबकि उनकी पत्नी उस समय गर्भवती थी। उन्होनें बताया पत्नी की हालत देखकर वो डर गए थे और उनके हाथ-पैर सुन्न पड़ गए थे।
57 बार हुआ ट्रांसफर
बता दें कि पश्चिम बंगाल में अशोक खेमका अकेले ऐसे अधिकारी हैं जिनका 34 वर्षों में 57 बार ट्रांसफर हुआ है। वह 2012 में रॉबर्ट वाड्रा‑DLF भूमि सौदे की म्यूटेशन रद्द करने के कारण राष्ट्रीय सुर्खियों में आए थे। भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाने के कारण उन्हें “ईमानदार अधिकारी” के रूप में जाना जाता है।
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