Flood In Haryana: हरियाणा में इस बार बारिश ने तोड़ा रिकॉर्ड, भारी तबाही का खतरा बढ़ा
punjabkesari.in Sunday, Sep 07, 2025 - 12:38 PM (IST)

डेस्कः हरियाणा में इस बार बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। 6 सितंबर तक औसतन 373.9 मिमी बारिश होनी थी, लेकिन अब तक 550.9 मिमी बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 47 प्रतिशत ज्यादा है। इस भारी बारिश ने प्रदेश के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। घग्गर, मारकंडा और यमुना जैसी नदियां और नहरें उफान पर हैं, जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
किसानों को भारी नुकसान
आज सुबह हरियाणा के लिए एक और बुरी खबर आई है। हिसार में एयरपोर्ट के नजदीक बनी राणा माइनर टूट गई। हालांकि प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए जेसीबी मशीनों की मदद से पानी को एयरपोर्ट की तरफ बढ़ने से रोक दिया, जिससे बड़ा नुकसान टल गया। वहीं, सिरसा में भी घग्गर नदी का बांध एक बार फिर टूट गया, जिससे आसपास के खेतों में पानी भर गया और किसानों को भारी नुकसान हुआ। इन घटनाओं से साफ है कि बारिश थमने के बावजूद बाढ़ का खतरा अभी टला नहीं है।
बहादुरगढ़ में भारी तबाही
बाढ़ का सबसे ज्यादा असर बहादुरगढ़ में देखने को मिला। यहां मुंगेशपुर ड्रेन एक और जगह से टूट गई, जिससे आसपास के इलाकों में जलभराव हो गया। बाढ़ का सबसे बड़ा शिकार बना मारुति कंपनी का स्टॉक यार्ड, जहां सैकड़ों नई गाड़ियां पानी में डूब गईं। कंपनी को करोड़ों का नुकसान होने का अनुमान है। सेना और SDRF की टीमें पिछले 6 दिनों से लगातार ड्रेन की मरम्मत में लगी हैं, लेकिन पानी के भारी दबाव और सफाई की कमी के कारण किनारे बार-बार टूट रहे हैं। बहादुरगढ़ के गांवों में भी पानी भर गया है। लौहारहेड़ी जैसे गांवों में गलियों में 2 फीट तक पानी जमा है और तालाबों के ओवरफ्लो से मछलियां गलियों में तैर रही हैं, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
राहत कार्यों में तेजी
इन मुश्किल हालातों के बीच, सरकार और प्रशासन ने राहत कार्यों को तेज कर दिया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पंचकूला से बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत सामग्री से भरी 25 गाड़ियां रवाना की हैं। इनमें 15 गाड़ियां पंजाब और 10 गाड़ियां हिमाचल प्रदेश के लिए भेजी गई हैं। यह कदम दिखाता है कि हरियाणा सरकार पड़ोसी राज्यों की भी मदद कर रही है, जो खुद भी बाढ़ से जूझ रहे हैं। फरीदाबाद में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आ गया है, जिससे थोड़ी राहत मिली है। अब तक 750 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और 12 राहत शिविर सक्रिय हैं।
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