पिता की मौत के बाद नाबालिग को लगा गहरा सदमा, जंजीरों में कैद रखने को मजबूर परिवार

punjabkesari.in Friday, Apr 28, 2017 - 04:10 PM (IST)

फतेहाबाद (रमेश भट्ट):बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ नारे के साथ बेटियों को सम्मानपूर्वक जीने का हक देने वाली भाजपा सरकार के दौर में टोहाना शहर में एक बेटी के रूह कंपा देने वाले हालात सामने आए हैं। एक नाबालिग लड़की को उसके परिवार वाले जंजीरों में ‘कैद’ करके रखने को मजबूर हैं। करीब 8 साल पहले मामूली से बुखार के बाद दिमागी रोग से जूझती नाबालिग की हालत तब ज्यादा बिगड़ गई जब अचानक उसके पिता की मौत हो गई। पिता की मौत के बाद से घर पर रोटी का संकट पैदा हो गया। 
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ऐसे में इलाज के पैसे नहीं होने के कारण आज नाबालिगा की हालात ये है कि मां और भाई उसे जिंदा रखने की जद्दोजहद में लगे हैं। दिमागी तौर पर कमजोर नाबालिग बेटी को जंजीरों में ‘कैद’ रखने के अलावा अब परिवार के पास दूसरा कोई रास्ता नहीं है। 
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नाबालिग की मां का कहना है कि उसने अपनी बड़ी बेटी की जैसे-तैसे शादी कर दी। उसका छोटा भाई 3 हजार रुपए में एक कैंटीन पर काम करता है। दोनों मां-बेटा जैसे-तैसे पेट भरने जितना मेहतनताना कमाते हैं, लेकिन बेटी के इलाज के लिए पैसे जुटाने की हिम्मत परिवार अब हार चुका है। 
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मां ने सरकार से लगाई मदद की गुहार
उसका कहना है कि सरकार यदि कुछ मदद करदे तो वह अपनी बेटी का इलाज करवाकर उसकी शादी करके घर से विदा करना चाहती है।
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मामला संज्ञान में आने के बाद टोहाना के एस.डी.एम. ने कहा है कि जंजीरों में कैद लड़की के बारे में विभागीय रिपोर्ट तैयार करवाई जाएगी। इसके बाद नियमानुसार कार्रवाई करके पीड़िता की हर संभव मदद की जाएगी। बता दें कि इससे पहले फतेहाबाद में एक नाबालिग लड़के को जंजीरों में कैद करके रखने का मामला सामने आया था, जिसमें विभागीय स्तर पर परिवार को केवल आश्वासन दिया गया, जबकि मदद के तौर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।


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