हरियाणा सरकार ने 134 ए को किया समाप्त, गरीब बच्चे RTE के तहत प्राइवेट स्कूलों में ग्रहण कर सकेंगे शिक्षा
punjabkesari.in Thursday, Jun 30, 2022 - 05:42 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी) : लंबे समय से अभिभावकों की मांग और स्कूल संचालकों के विरोध के बीच अब प्रदेश सरकार ने 134 ए को समाप्त करके गरीब बच्चों को आरटीई के तहत प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा पाने के अधिकार पर मुहर लगा दी है। प्रदेश सरकार ने 180000 रुपए से कम आमदनी वाले परिवारों को परिवार पहचान पत्र के माध्यम से यह सुविधा दी है। जो कि 1 जुलाई से लागू हो जाएगी। लेकिन अब यह लाभ लेने के लिए बच्चे को 1 साल तक सरकारी स्कूल में पढ़ना अनिवार्य होगा।
इस महत्वपूर्ण विषय को लेकर प्रदेश के वन, शिक्षा एवं पर्यटन मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने बताया कि हाल ही में प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई योजना से बहुत अधिक लाभ गरीब बच्चों को होने वाला है। पहले 134 ए के तहत मात्र 10 फ़ीसदी ही बच्चे प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन ले पाते थे। अब यह लाभ 25 फ़ीसदी बच्चों को मिलेगा। उन्होंने बताया कि विभाग ने प्रदेश के मान्यता प्राप्त स्कूलों से रिक्त पड़ी सीटों का ब्यौरा मांगा था जो कि सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को मिल चुका है और यह ब्योरा पोर्टल पर भी विभाग लोड करेगा। रिक्त पड़ी सीटों के अनुसार ऐसे पात्र बच्चों को एडमिशन दिए जाएंगे।
350 स्कूल संचालकों ने दी अपनी सहमति
प्रदेश के शिक्षा मंत्री गुर्जर ने बताया कि लंबे समय से प्राइवेट स्कूल संचालक बच्चों की कम फीस को लेकर कुछ नाराजगी व्यक्त कर रहे थे। जिसमें प्रदेश सरकार ने अब इसमें भारी बढ़ोतरी की है। पहली कक्षा से पांचवी तक पहले 300 और अब 700 रुपए, छठी से आठवीं तक 500 से 900 और नौवीं से बारहवीं तक 700 से 1100 रुपए करने का प्रदेश सरकार ने फैसला किया है। सरकार द्वारा फीस बढ़ोतरी के इस फैसले से प्रदेश के 350 स्कूलों ने सहमति प्रदान की है। गुर्जर ने बताया कि शिक्षा के अधिकार कानून के तहत अगर एडमिशन लेने वाले अधिक संख्या में बच्चे आए तो ड्रा निकालकर बच्चों को एडमिशन दिए जाएंगे और परिवार पहचान पत्र के डाटा अनुसार यह लाभ दिया जाएगा। जिससे काम निष्पक्षता से होगा और किसी प्रकार के गड़बड़ की कोई आशंका नहीं रहेगी।
खस्ता हालत वाले सरकारी स्कूलों के भवनों पर स्पीड से काम करने के आदेश किए जारी
शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर के अनुसार प्रदेश में खस्ता हालत में मौजूद सरकारी स्कूलों की बिल्डिंगों पर स्पीड से काम करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। जिन जिलों में स्कूलों के भवन तोड़े गए हैं और उन पर काम शुरू नहीं किया गया उसे लेकर संबंधित अधिकारियों से जवाबदेही तय की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में लगभग 14000 से अधिक स्कूल है, जिसमें लगातार खराब, खस्ता और टूटे-फूटे भवन की बिना अनदेखी किए काम चलता रहता है। करनाल और यमुनानगर जिले प्रदेश सरकार के पायलट प्रोजेक्ट में है। जिनमें प्राथमिकता के आधार पर कार्य गतिशील है।
कांग्रेस पार्टी द्वारा लगातार अग्निपथ योजना के विरोध को लेकर टिप्पणी करते हुए प्रदेश के वन, शिक्षा एवं पर्यटन मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि हर चीज का विरोध करना सही बात नहीं होती। अगर कांग्रेस के लोग सेना के विशेषज्ञ और ज्ञाता हो तो उनके मुंह से यह बात अच्छी लगती है। कारगिल युद्ध में स्वयं सेना ने महसूस किया कि सेना और अधिक जवान होनी चाहिए। सेना की उम्र घटनी चाहिए। नए जवान भर्ती होने चाहिए। 2 साल लगातार मेहनत करने के बाद अधिकारियों ने योजना तैयार की। जिसमें 12वीं के बाद 4 साल नौकरी के दौरान ग्रेजुएशन भी कंप्लीट करने की छूट होगी। सेना के जवान को बाहर की बजाए अच्छा माहौल, टेक्नोलॉजी, अच्छी फिटनेस, अनुशासन और अच्छी तनख्वाह भी मिलेगी और रिटायरमेंट के वक्त अच्छी रकम और ग्रेजुएशन की डिग्री मिलेगी।
सेना से रिटायरमेंट के बाद ना केवल सरकारी बल्कि उसकी अच्छी फिटनेस के कारण प्राइवेट संस्थानों में भी नौजवान को प्राथमिकता मिलना तय है। सेवाओं में शामिल मेरिट वाले नौजवान 25 फ़ीसदी सेना में ही रहेंगे और बाकी बच्चे अच्छी ट्रेनिंग, अनुशासन और शिक्षा पाने के बाद रिटायरमेंट होकर अच्छी जगह नौकरी पा सकेंगे। इसके साथ-साथ देश को जरूरत के वक्त लाखों यही सैनिक एकदम से 15 दिन में अपने आपको तैयार करके फिर से देश के लिए फौज में जाकर सेवाएं दे सकेंगे। यह कांग्रेसी मात्र वोट के लिए देश के युवाओं को गुमराह करने की कोशिशों में लगे हुए हैं।