आंदोलन में हरियाणवी तड़का, मर्द पगड़ी तो लुगाई दामण पहन पहुंचे कुंडली बार्डर

punjabkesari.in Saturday, Dec 12, 2020 - 11:24 AM (IST)

सोनीपत : कुंडली बार्डर पर जमे किसानों के पक्ष में हरियाणवियों का जलवा लगातार बरकरार है। यहां प्रदेश के अलग-अलग जिलों से किसानों का पहुंचना लगातार बरकरार है। शुक्रवार को उस समय कुंडली बार्डर पर हरियाणवी रंग जमा जब सोनीपत की दहिया खाप के मर्द व लुगाइयां ट्रालियों में भरकर यहां पहुंचे। खास बात यह है कि खाप के मर्द केसरी रंग की पगड़ी व औरतें दामण पहनकर नारेबाजी करते हुए कुंडली बार्डर पर पहुंचे।

यही नहीं, औरतों ने हरियाणवी गीतों से समां बांधा जिसमें यहां पहले से जमे किसान भी शामिल हो गए। दहिया खाप ने यहां लगातार लंगर चलाया है जिसमें रोजाना अलग-अलग मैन्यू के हिसाब से खाना तैयार किया जाता है। इसके अलावा यहां पहुंचे हरियाणा के किसान विभिन्न समूहों में रागिनी कार्यक्रम भी आयोजित कर रहे हैं। युवा किसानों ने पंजाब के किसानों के साथ लंगर की व्यवस्था संभाली है। 

दहिया खाप के पूर्व कार्यवाहक प्रधान विजेंद्र उर्फ ढिल्लू दहिया खाप के बैनर तले किसान आंदोलन में व्यापक समर्थन दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं जिस पर ट्रक यूनियन प्रधान दीपक दहिया व पूर्व जिला पार्षद चांद सिसाना की टीम द्वारा सिंघु बार्डर पर दहिया खाप द्वारा चलाए जा रहे धरने पर प्रदेश के किसानों के लिए लंगर की व्यवस्था की गई है। जग्गी नम्बरदार ने गांव सिसाना से ट्रैक्टर व ट्रालियों में महिलाओं और पुरुषों को धरना स्थल पर भेजने के लिए जागरूक किया। इस दौरान जग्गी नम्बरदार, किसान नेता जिंदर माल, दहिया खाप प्रधान चौधरी सुरेन्द्र बानिया, महिलाओं में बबिता, होशियारी, संतरा, अनीता और बीजो आदि के नेतृत्व में किसान कुंडली बार्डर पर पहुंचे।

पंजाब से गद्दे, रजाई, वाटरप्रूफ टैंट तो हरियाणा से पहुंच रहे दूध, लस्सी 
3 कृषि कानूनों को रद्द करवाने की मांग को लेकर 2 सप्ताह से कुंडली बार्डर पर जमे किसानों की मदद के लिए रोजाना किसान पंजाब तक आवागमन कर रहे हैं। पंजाब से लगातार रजाई, गद्दे, वाटरप्रूफ टैंट व सर्दी से बचने के लिए गर्म कपड़े यहां पर पहुंचाए जा रहे हैं तो हरियाणा के अलग-अलग गांवों से लोग खाने-पीने का सामान लेकर पहुंच रहे हैं। ये लोग न केवल आवश्यक वस्तुएं यहां लेकर आ रहे हैं बल्कि किसानों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन भी कर रहे हैं। 

सोनीपत के गांव सेवली से ग्रामीण पुष्कर ने बताया कि वह रोजाना 800-900 लीटर लस्सी, 500 लीटर दूध व आर.ओ. का पानी ट्रालियों में लेकर पहुंचते हैं और किसानों को वितरित करते हैं। यही नहीं, किसान यहां सेवा का जिम्मा भी खुद उठाते हैं और बुजुर्गों व महिलाओं की देख-रेख में लगे रहते हैं। 

धरने पर बढऩे लगी मुस्लिमों की तादाद, लंगर में दे रहे सेवा 
कुंडली बार्डर पर जमे किसानों को समर्थन देने के लिए मुस्लिम समुदाय के लोगों की तादाद लगातार बढ़ रही है। यहां ये लोग लंगर तैयार करने में हाथ बंटा रहे हैं। यहां मौजूद मोबिन फकरूद्दीन, नवाब सिद्दीकी, अरशद ने बताया कि वे लंगर के समय सेवा में जुट जाते हैं तो बाकी समय में सभा में मौजूद रहते हैं। आसपास से क्षेत्रों से जरूरी सामान लेकर आने का भी वे काम करते हैं। उन्होंने बताया कि वे नमाज भी यहीं सड़क के बीच बैठकर पढ़ते हैं और फिर सेवा में जुट जाते हैं।

हाथ जोड़कर किसान बोले- ख्याल कर लो म्हारा, मान जाओ सरकार 
बार्डर पर किसानों के समर्थन में आए हिसार के किसानों ने भावनात्मक पहलू भी पेश किया। यहां धरने पर बैठे हिसार जिले के गांव श्यामसुख के ग्रामीणों ने यहां हाथ जोड़कर सरकार को कहा कि हमारा ख्याल कर लो, मान जाओ सरकार। महावीर शर्मा, दलीप, महेंद्र, भूप सिंह ने कहा कि 3 काले कानून किसानों के लिए बेहद खतरनाक हैं। ऐसे कानूनों को बनाकर सरकार न जाने कौन से हित साध रही है लेकिन किसान सरकार की मंशा पूरी नहीं होने देंगे। किसानों को तंग करके सरकार पूरे देश को ही संकट में डाल रही है। सरकार को चाहिए कि शीघ्र किसानों की गुहार सुने और किसानों को न्याय दे। 


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Manisha rana

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